सीजेआई एसए बोबडे ने कहा – न्याय कभी भी तुरंत नहीं दिया जा सकता
हैदराबाद दुष्कर्म मामले के बाद भारत के न्यायतंत्र पर सवाल उठ रहे सवालों का भारत के मुख्य न्यायाधीश ने जवाब दिया. हैदराबाद में दुष्कर्म कांड के मुख्य आरोपियों के एनकाउंटर के बाद देश के न्यायतंत्र की धीमी प्रक्रिया को लेकर उसकी आलोचना हो रही है.
हैदराबाद में डॉक्टर प्रियंका रेड्डी के साथ जो हुआ उसकी वजह से पूरे देश में उबाल था, लोगों आक्रोशित थे और आरोपियों को सजा देने की मांग कर रहे थे. इसके बाद पुलिस ने आरोपियों का उसी जगह पर एनकाउंटर कर दिया जहां पर घटना को अंजाम दिया गया था. घटना के 9वें दिन सभी आरोपियों को मार दिया गया. इस पुलिसिया कार्रवाई से स्थानीय लोगों ने पुलिस के ऊपर फूल बरसाए और भारत के न्यायतंत्र पर सवाल खड़े हो गए कि वो इस तरह के मामलों में न्याय देने के लिए सालों का वक्त लेते है.
अब भारत के मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे ने उन तमाम सवालों का जवाब दिया है. उन्होंने कहा है कि न्याय कभी बदला लेने में तब्दील नहीं होना चाहिए, अगर यह बदला लेने में तब्दील हो जाए, तो न्याय अपना चरित्र खो देता है. चीफ़ जस्टिस ने हैदराबाद में एक वेटरनरी डॉक्टर के साथ हुए रेप और फिर हत्या मामले में अभियुक्त बनाए गए चार युवकों के कथित पुलिस एनकाउंटर के संदर्भ में कही.
राजस्थान के जोधपुर में हाईकोर्ट के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ”हाल में हुई कुछ घटनाओं के बाद यह चर्चा फिर ज़ोर पकड़ने लगी है कि न्याय में देरी नहीं होनी चाहिए, लेकिन मुझे नहीं लगता कि न्याय कभी भी तुरंत दिया जा सकता है. न्याय को कभी भी बदले का रूप धारण नहीं करना चाहिए.”
उन्होंने यह भी कहा कि लोगों के मन में न्यायालय की जो छवि बनी हुई है उसे बदलने की भी ज़रूरत है. इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी मौजूद थे. उन्होंने देश की न्याय प्रणाली पर चिंता जताई और कहा कि न्याय प्रक्रिया ग़रीब की पहुंच से दूर हो गई है. लंबे वक्त से ये बात कही जा रही है कि भारत के अदालतों में इंसाफ बहुत देर से मिलता है जिसकी वजह से न्याय का मतलब खत्म हो जाता है.