रतन टाटा दिग्गज बिजनेसमैन, टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन और स्टार्टअप में निवेश करने वाले बड़े लीडर हैं. लेकिन वह जिससे स्टार्टअप में निवेश करने की सलाह लेते हैं उसकी उम्र है महज 27 साल. जी हां आपने ठीक सुना 27 साल के शांतनु रतन टाटा को यह बताते हैं कि उन्हें कौन से स्टार्ट में निवेश करना है.
शांतनु नायडू ने 27 साल की कम उम्र में स्ट्रीट डॉग्स को बचाने के लिए एक बेल्ट तैयार की और उनके काम से प्रभावित होकर रतन टाटा ने उनको एक बड़ी जिम्मेदारी दी. शांतनु नायडू इस वक्त रतन टाटा के पर्सनल निवेश की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं पेटीएम, स्नैपडील जैसी तमाम कंपनियों में रतन टाटा पर्सनल निवेश करते हैं और शांतनु रतन टाटा के एग्जीक्यूटिव असिस्टेंट हैं. शांतनु नायडू 2017 से रतन टाटा के साथ काम कर रहे हैं उनके परिवार की यह पांचवीं पीढ़ी है जो टाटा ग्रुप में काम संभाल रही है.
अपने करियर के बारे में शांतनु नायडू बताते हैं,”मैं पुणे की टाटा एलेक्सी में एक ऑटोमोबाइल डिजाइन इंजीनियर के तौर पर काम करता था. काम खत्म करके देर रात को विमान नगर हाइवे से होकर घर जाने के दौरान रास्ते में गाड़ियों की तेज रफ्तार की चपेट में आकर बहुत से डॉग्स को मरते देखा . इस तरह की घटनाएं काफी परेशान करती थीं. फिर, मैंने उनकी जान बचाने का तरीका खोजने के लिए लोगों से बात की. मुझे पता चला कि ड्राइवर का समय रहते डॉग्स को नहीं देख पाना दुर्घटनाओं का बड़ा कारण था. चूंकि मैं एक ऑटोमोबाइल इंजीनियर था. इसलिए मेरे मन में तुरंत डॉग्स के लिए एक कॉलर बनाने का आइडिया आया. इससे ड्राइवर रात में स्ट्रीट लाइट के बगैर भी उन्हें दूर से देख सकते थे. कॉलर बेस्ट ग्रेड रेस्ट्रो रिफ्लेक्टिव मैटेरियल यानी चमकदार मैटेरियल से बना था. दोस्तों की मदद से यह संभव हुआ. मोटोपॉज नाम की इस छोटी सी कोशिश ने काफी लोगों का ध्यान खींचा. अब स्ट्रीट डॉग्स की जान बच रही थी. इस छोटे से लेकिन महत्वपूर्ण काम के बारे में टाटा समूह की कंपनियों के न्यूजलेटर में लिखा गया. फिर इस पर रतन टाटा की नजर पड़ी, जो खुद भी डॉग्स से काफी लगाव रखते हैं. शांतनु के पिता के कहने पर टाटा काे पत्र भी लिखा. एक दिन मुंबई में शांतनु को रतन टाटा से उनके ऑफिस में मिलने का न्योता मिला.
यह भी पढ़ें:
- सिलिकॉन वैली पहुँचा JOIST, वैश्विक संबंधों को विस्तार देने की कोशिश!
- क्या खत्म हो गई है पीएम मोदी और ट्रम्प की दोस्ती?
- मुश्किल में बीजेपी नेता विकास गर्ग, गाज़ियाबाद कोर्ट ने कहा- “दोबारा जाँच करके रिपोर्ट पेश करे पुलिस” जानिए क्या है पूरा मामला?
- क्या है लॉकबिट जिसने पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है?
- शिवपाल सिंह यादव को अखिलेश ने दी मुश्किल मोर्चे की जिम्मेदारी, जानिए बदायूं से क्यों लाड़वा रहे हैं लोकसभा चुनाव?
रतन टाटा से मुलाकात के बाद शांतनु की जिंदगी बदल गई उन्होंने शांतनु को अपने साथ काम करने का न्योता दिया और तब से शांतनु रतन टाटा को नए स्टार्टअप में निवेश करने के लिए सलाह दे रहे हैं. 81 साल के रतन टाटा का देश के स्टार्टअप इकोसिस्टम में गहरा विश्वास है. जून 2016 में रतन टाटा की प्राइवेट इन्वेस्टमेंट कंपनी आरएनटी असोसिएट्स और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया ऑफ द रीजेंट्स ने भारत में यूसी-आरएनटी फंड्स’ के रूप में नए स्टार्टअप, नई कंपनियों और अन्य उद्यमों को फंड देने के लिए हाथ मिलाया था.