देश की अर्थव्यवस्था को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक बार फिर से बड़ा बयान दिया है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को कहा है कि वो अर्थव्यवस्था में संकट के लिए यूपीए के शासन पर दोष मढ़ना बंद करें और काम करें.
महाराष्ट्र में एक कार्यक्रम के दौरान पूर्व प्रधानमंत्र मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार पर तीखे हमले किए. उन्होंने कहा कि यूपीए पर दोष देने से कुछ नहीं होगा. क्योंकि एनडीए भी पांच साल से अधिक सरकार में रह चुकी है और कुछ प्रामाणिक काम करने के लिए यह पर्याप्त लंबा समय है. उन्होंने कहा,
“जब मैं ऑफिस में था, तब जो हुआ वो हो चुका है. कुछ कमजोरियां थीं, लेकिन आप हमेशा हर ग़लती के लिए यूपीए को ज़िम्मेदार नहीं ठहरा सकते. सरकार के तौर पर आप हर साल यह कहकर नहीं निकल सकते कि यह यूपीए सरकार की देन है. आप समाधान निकालने में असमर्थ हैं जिससे कि अर्थव्यवस्था में सुधार हो, ख़ास कर हमारी बैंकिंग सिस्टम को मजबूत बनाने में.”
मनमोहन सिंह ने कहा है मौजूदा हालातों में यह मुमकिन नहीं लग रहा. उन्होंने कहा है कि ऐसे कोई लक्षण नजर नहीं आ रहे जिससे कहा जा सके कि देश 2024 तक इस लक्ष्य को हासिल कर लेगा. मोदी सरकार पांच ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने की बात करती है लेकिन मौजूदा परिस्थितियां भयावह हैं. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के मौजूदा हालात ‘दोषपूर्ण स्लोडाउन’ हैं.
- सिलिकॉन वैली पहुँचा JOIST, वैश्विक संबंधों को विस्तार देने की कोशिश!
- क्या खत्म हो गई है पीएम मोदी और ट्रम्प की दोस्ती?
- मुश्किल में बीजेपी नेता विकास गर्ग, गाज़ियाबाद कोर्ट ने कहा- “दोबारा जाँच करके रिपोर्ट पेश करे पुलिस” जानिए क्या है पूरा मामला?
- क्या है लॉकबिट जिसने पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है?
- शिवपाल सिंह यादव को अखिलेश ने दी मुश्किल मोर्चे की जिम्मेदारी, जानिए बदायूं से क्यों लाड़वा रहे हैं लोकसभा चुनाव?
महाराष्ट विधानसभा चुनाव से पहले मुंबई में पूर्व पीएम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा ‘अर्थव्यस्था बुरे दौर से गुजर रही है. जिस तरह से अर्थव्यवस्था चल रही है और विकास दर 5.5 से 6 प्रतिशत तक है. एनडीए कार्यकाल में साल दर साल विकास दर में गिरावट आ रही है. लेकिन सच तो यह है कि हमारी अर्थव्यस्था को 8 से 10 प्रतिशत की ग्रोथ रेट की जरूरत है. यह रोजगार को बढ़ाने के लिए भी बेहद अहम है.