अशोक गहलोत के छक्के से राजस्थान में कांग्रेस सेंचुरी, नगरपालिका चुनाव में होगा फायदा
अशोक गहलोत ने राजस्थान में एक बार फिर से अपने राजनीतिक कौशल का शानदार परिचय दिया. उन्होंने राज्य में नवंबर में 52 नगरपालिकाओं के 2455 वार्डों में होने वाले चुनाव से पहले एक बड़ा कारनाम किया है.
नवंबर में नगरपालिका और जनवरी 2020 में पंचायय चुनाव से पहले राजस्थान में कांग्रेस को मजबूती मिली है. अशोक गहलोत ने राजस्थान में बहुजन समाजवादी पार्टी के सभी छह विधायकों को कांग्रेस में शामिल करा लिया है. गहलोत सरकार की बड़ी कामयाबी है क्योंकि नगर निकाय और पंचायत चुनावों से पहले राज्य में एक बार फिर से कांग्रेस की हवा बनाने में इससे मदद मिलेगी. बसपा के विधायकों के कांग्रेस में शमिल होने का लगभग दस साल पुराना इतिहास फिर दोहराया गया है. इससे पहले 2009 में भी अशोक गहलोत के पहले कार्यकाल के दौरान बसपा के सभी छह विधायक कांग्रेस के पाले में चले गए थे.
राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस बहुमत के आंकड़े से पांच नंबर कम थी. लेकिन अब 6 विधायकों के पार्टी में शामिल होने से ये संख्या पूरी हो गई है. बसपा के छह विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी को सोमवार देर रात एक पत्र सौंपा. उधर विधायकों ने बिना शर्त कांग्रेस में शामिल होने की बात कही है. कांग्रेस शामिल होने वाले विधायकों की बात करें तो इनमें विधायक राजेंद्र सिंह गुढ़ा (उदयपुर वाटी), जोगेंद्र सिंह अवाना (नदबई), वाजिब अली (नगर), लाखन सिंह (करौली), संदीप कुमार (तिजारा) और दीपचंद खेरिया (किशनगढ़ बास) शामिल हैं. विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि,
”बसपा विधायकों ने उनसे मुलाकात की और एक पत्र उन्हें सौंपा है.’
इसे राजस्थान के मुख्यमंत्री का राजनीतिक कौशल ही कहा जाएगा क्योंकि बसपा विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने से गहलोत सरकार संख्या बल के आधार पर और अधिक मजबूत हो गई है. 200 सीटों वाली राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के 100 विधायक हैं और उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के पास एक विधायक है और इस तरह सरकार बहुमत में है. इतना ही नहीं राज्य के 13 निर्दलीय विधायकों में से 12 ने कांग्रेस को बाहर से समर्थन दे रखा है. बसपा विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने से कांग्रेस के विधायकों की संख्या बढ़कर 106 हो गई है. बीजेपी के पास 72 विधायक हैं, माकपा, आरएलपी और बीटीपी के 2-2विधायक हैं. 13 विधायक निर्दलीय और दो सीटें खाली हैं.
अशोक गहलोत को होगा फायदा?
बसपा विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने से कांग्रेस को आने वाले चुनाव में फायदा मिलेगा. राजस्थान में नवंबर में 52 नगरपालिकाओं के 2455 वार्डों के चुनाव होंगे, जनवरी में पंचायत के महत्वपूर्ण चुनाव होंगे. इसके अलावा मंडावा और खींवसर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होंगे इन चुनावों में कांग्रेस को फायदा हो सकता है क्योंकि विधानसभा में सरकार का रसूख बढ़ने से अशोक गहलोत वो फैसले ले पाएंगे जो वो बहुमत ना होने की वजह से नहीं ले पा रहे थे.