अरुण जेटली का निगम बोध घाट पर अंतिम संस्कार हो चुका है. उनके अंतिम संस्कार में सब शामिल हुए लेकिन पीएम मोदी नहीं आ पाए. मोदी की ऐसी क्या मजबूरी थी जो वो जेटली के अंतिम दर्शनों के नहीं आ पाए.
66 साल की उम्र में अरुण जेटली ने उपलब्धियों से भरे अपने जीवन को अलविदा कह दिया. जेटली ने अपने 66 साल के जीवन में वो सबकुछ हासिल किया जिसकी एक व्यक्ति तमन्ना करता है. उनके निधन की खबर ने पूरे देश में दुख की लहर दौड़ गई और विदेश दौरे पर गए पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने अपने सबसे कीमती दोस्त खो दिया. 2002 में गुजरात में दंगे हुए और अमित शाह के साथ मोदी को जांच का सामना करना पड़ा तब भी जेटली पूरी मुस्तैदी से क़ानूनी दांव-पेच को समझते हुए दोनों के साथ खड़े रहे. और जब मोदी चुनाव जीतकर दिल्ली आए तब भी जेटली उनके साथ खड़े थे. लेकिन जेटली की आखिरी यात्रा में मोदी उनके साथ नहीं थे.
जेटली की अंतिम यात्रा में क्यों नहीं आए मोदी ?
पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का जब निधन हुआ तो प्रधानमंत्री मोदी पूर्वनियोजित विदेश दौरे पर हैं. भारत को जी-7 देशों के सम्मेलन में विशेष साझेदार के तौर पर आमंत्रित किया गया है. इसलिए मोदी विदेश दौरे पर गए थे. फ्रांस के बाद पीएम मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात का दौरा संपन्न पूरा किया और उसके बाद वो बहरीन गए. खबर ये है कि जेटली के निधन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी पत्नी संगीता जेटली को फोन किया था. फोन पर जेटली के परिवार ने मोदी से अनुरोध किया था कि वो महत्वपूर्ण दौरा बीच में छोड़कर वापस ना आएं.
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बहरीन में पीएम मोदी जब भारतीयों को संबोधित कर रहे थे तो उन्होंने अपने संबोधन में जेटली को याद किया था और अफ़सोस करते हुए भावुक हो गए. मोदी ने कहा, ”मैं कर्तव्य से बंधा हुआ इंसान हूं. एक तरफ़ बहरीन उत्साह और उमंग से भरा हुआ है. भारत में कृष्ण जन्म का उत्सव मनाया जा रहा है. उसी पल मेरे भीतर गहरा शोक, एक गहरा दर्द दबाकर मैं आपके बीच खड़ा हूं. विद्यार्थी काल से जिस दोस्त के साथ सार्वजनिक जीवन के एक के बाद एक क़दम मिलकर चला, राजनीतिक यात्रा साथ-साथ चली, हर पल एक दूसरे के साथ जुड़े रहना, साथ मिलकर जूझते रहना, सपनों को सजाना, सपनों को निभाना, वो दोस्त अरुण जेटली देह छोड़कर चला गया.”
क्यों जरूरी है पीएम मोदी की यात्रा ?
प्रधानमंत्री मोदी के बयान से साफ़ है कि वो चाहकर भी अरुण जेटली की आख़िरी विदाई में शरीक नहीं होने पर विवश हैं. प्रधानमंत्री का कार्यक्रम पहले से ही काफी व्यस्त है. पीएम मोदी बहरीन से फ्रांस पहुंच गए हैं जहां पर वो बिरेट्स शहर में आयोजित जी-7 सम्मेलन में 25-26 अगस्त को शामिल होंगे. यहां भारत फ़्रांस के आमंत्रण पर पहुँचा है. 26 अगस्त पीएम मोदी अमेरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप से मिलेंगे. इसकी घोषणा ट्रंप पहले ही कर चुके हैं. पीएम मोदी की तीन देशों की ये यात्रा जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के तुरंत बाद हुए हैं. इसलिए ये काफी अहम यात्रा है. क्यों कि पाकिस्तान लगातार कई देशों के संपर्क में है और वो भारत को गलत साबित करने में लगा हुआ है.