आरबीआई गर्वनर ने संकेत दिए हैं कि देश आर्थिक मंदी की गिरफ्त में जा रहा है. पारजे-जी हो, ऑटो सेक्टर हो या फिर दूसरे उद्योग धीरे धीरे देश की अर्थव्यवस्था चरमरा रही है. भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आगाह किया है हालात ठीक नहीं हैं.
आरबीआई के गर्वनर शक्तिकांत दास ने भारत की गिरती अर्थव्यवस्था को लेकर एक महत्वपूर्ण बात कही है. उन्होंने कहा है कि कि जून 2019 के बाद आर्थिक गतिविधियों से ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था में मंदी और बढ़ रही है. 7 अगस्त को मौद्रिक नीति समिति की बैठक में उन्होंने ये बात कही थी. शक्तिकांत दास की कही बात इतनी देर से सामने इसलिए आई क्योंकि इस बैठक की कार्यवाही बुधवार को जारी की गई.
आरबीआई के गर्वनर शक्तिकांत दास ने कहा कि घरेलू विकास दर में कमी और वैश्विक आर्थिक माहौल में अनिश्चितता के कारण घरेलू मांग को बढ़ाने और निवेश को प्रोत्साहित करने की ज़रूरत है. हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई कि आरबीआई ने पिछले तीन बार से रेपो रेट में जो कटौती की है उसका असर धीरे-धीरे दिखाई दे रहा है. और बाजार में हालात अच्छे बनेंगे.
इस बैक में उन्होंने एक बार और स्पष्ट कर दी की देश की अर्थव्यवस्था को देखकर एक बार और स्पष्ट होती है कि घरेलू मांग में और कमी आई है. उन्होंने कहा कि मई में भी औद्योगिक गतिविधियां लगातार थमती गई हैं, खासकर मैन्युफ़ैक्चरिंग और खनन में इसका साफ़ असर दिख रहा है. देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था को लेकर विपक्ष पहले ही सरकार को घेर रहा है. इससे पहले पूर्व आरबीआई गर्वनर रघुराम राजन ने भी देश में आर्थिक मंदी की बात कही थी.