जन्माष्टमी Janmashtami पर इस बार तीन अद्भुत संयोग बन रहे हैं. इस त्योहार को लेकर भक्त तैयारी कर रहे हैं और तैयारियों के दौरान सभी इस उम्मीद को पाले हैं कि भगवान श्रीकृष्ण उनकी झोली भरेंगे. लेकिन कृष्णमयी माहौल में 23 अगस्त को जन्माष्टमी व्रत है तो 24 अगस्त को कृष्णाष्टमी का व्रत है. इस दौरान तीन संयोग बन रहे हैं.
Janmashtami 2019: जन्माष्टमी पर ग्रह गोचरों का महासंयोग वरदान होगा. इस तिथि पर छत्र योग, सौभाग्य सुंदरी योग और श्रीवत्स योग तीनों एक साथ बन रहे हैं. इसलिए इस बार भगवान का जन्मोत्सव कुछ ज्यादा ही खास हो गया है. पूजन और व्रतियों के लिए ये फलदायी सिद्ध होगा. 14 सालों के बाद ये तीन संयोग एक साथ बन रहे हैं. जन्माष्टमी Janmashtami के समय सूर्य देव अपनी सिंह राशि में रहेंगे. और भगवान श्रीकृष्ण की प्राण प्रतिष्ठा रात्रि 12.10 बजे के बाद ही सर्वश्रेष्ठ है.
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अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र दोनों का अपूर्व संयोग से मध्य रात्रि में जन्मोत्सव मनेगा. इसलिए इस दिन जो भक्त भगवान के जन्मोत्सव को विधि विधान से मनाएगा उसके ऊपर भगवान की कृपा बरसेगी. भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को लेकर मंदिरों को सजाया जा रहा है. लोग अपने घरों में झांकियां सजा रहे हैं जहां भगवान के जन्म के वक्त पूजा अर्जना की जाएगी. लेकिन आप जब पूजा करें तो ये ख्याल रखें कि सही समय और सही विधि से ही पूजा अर्चना करें.