मोदी सरकार में OBC, SC और ST अधिकारियों की पूछ नहीं हो रही!
केंद्र सरकार के डेटा से हंगामा खड़ा हो गया है. केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, नौकरशाहों की सूची में ज्यादातर सचिव भारतीय प्रशासनिक सेवा यानी कि आईएएस से नाता रखते हैं, जबकि SC, ST और OBC श्रेणियों का रिप्रेजेंटेशन अतिरिक्त सचिव, संयुक्त सचिव और निदेशक लेवल पर भी कम ही पाया गया.
मोदी सरकार यानी एनडीए में 89 सचिव हैं और आपको हैरानी होगी ये जानकर की इसमें से एक भी अधिकारी OBC नहीं है. इन 89 में अनुसूचित जाति का सिर्फ 1 और अनुसूचित जनजाति से सिर्फ 3 नौकशाह हैं. ये आकंड़े हासिल हुए हैं कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन विभाग मामलों के मंत्री जितेंद्र सिंह से. उन्होंने ये आकंड़े बताए हैं. और बताए नहीं हैं उनसे पूछे गए हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि किसने पूछे?
ऐसे सामने आए ये आकंड़े
तो आपको बता दें कि 10 जुलाई, 2019 को पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद दिव्येंदु अधिकारी ने इस बारे में सरकार से सवाल किया था. उन्होंने सरकार से पूछा था कि ज़रा बताइए कि क्या ये बात सही है कि केंद्र सरकार की नौकरियों में ऊपरी स्तर पर एससी/एसटी/ओबीसी का प्रतिनित्व बेहद कम है? दिव्येंदु अधिकारी ने इसी से जुड़े दो और सवाल पूछे थे. जिसके लिखित जवाब में जितेंद्र सिंह ने नौकरशाहों की संख्या का ब्यौरा देते हुए कुछ आंकड़े जारी किए.
हैरान करने वाले सरकार आंकड़े
जो सूची सरकार ने जारी की है वो बताती है कि नौकरशाहों की इस लिस्ट में अधिकतर सचिव भारतीय प्रशासनिक सेवा यानी कि आईएएस से नाता रखते हैं, जबकि एससी, एसटी और ओबीसी श्रेणियों का रिप्रेजेंटेशन अतिरिक्त सचिव, संयुक्त सचिव और निदेशक लेवल पर भी कम ही पाया गया. ये आंकड़े बते हैं कि केंद्र सरकार के मंत्रालयों/विभागों में तैनात कुल 93 एडिश्नल सेक्रेट्री में 6 एसटी, 5 एसटी और OBC से एक भी नहीं हैं.
275 ज्वॉइंट सेक्रेट्री में 13 SC, नौ ST, और 19 OBC हैं. डायरेक्टर पद पर बात करें तो इसमें कुल 288 में महज 31 SC, 12 ST और 40 OBC हैं. डिप्टी सेक्रेट्री पद पर देखएं तो कुल 79 में सात SC, तीन ST और 21 ओबीसी हैं, जबकि अंडर सेक्रेट्री के दो पदों में एक भी एससी, एसटी और ओबीसी से नहीं है. यहां एक बात ये भी बता दें कि बीजेपी के ही सांसद रह चुके भारतीय राजस्व सेवा अधिकारी उदित राज ने खुद ये आरोप लगाया था कि एससी और एसटी से आने वालों को हमेशा निशाना बनाया जाता है और उन्हें कभी भी ऊंचे पदों पर नहीं पहुंचने दिया जाता.