जेपी नड्डा को क्यों बनाया गया बीजेपी का कार्यकारी अध्यक्ष ?

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जेपी नड्डा बने कार्यकारी अध्यक्ष

बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद भारतीय जनता पार्टी को नया कार्यकारी अध्यक्ष मिल गया है. अमित शाह बीजेपी के अध्यक्ष बने रहेंगे लेकिन जेपी नड्डा अब पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बन गए हैं. अमित शाह के गृहमंत्री बनने के बाद ये कयास लगाए जा रहे थे कि किसे पार्टी का अध्यक्ष बनाया जाएगा.

जेपी नड्डा मोदी के पहले कार्यकाल में मोदी कैबिनेट में शामिल थे. लेकिन दूसरे कार्यकाल में उनका कैबिनेट में जगह नहीं दी गई. उधर अमित शाह के कैबिनेट में शामिल होने के बाद ये कहा जा रहा था कि जेपी नड्डा या भुपेंद्र यादव को बीजेपी का अध्यक्ष बनाया जा सकता है. बीजेपी अध्यक्ष पद की दौड़ में जेपी नड्डा का नाम शुरु से ही आगे चल रहा था. लेकिन संसदीय बोर्ड की बैठक में उन्हें कार्रकारी अध्यक्ष बनाया गया. आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी ने ये फैसला किया है. क्योंकि अमित शाह पार्टी पर अपनी पकड़ कमजोर नहीं करना चाहते.

17 जून को बीजेपी के सबसे प्रभावी और फैसले लेने वाली संसदीय बोर्ड में इस बात का फैसला हुआ. इस बैठक के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ये जानकारी दी. उन्होंने कहा, बीजेपी ने अमित शाह के नेतृत्व में कई चुनाव जीते. प्रधानमंत्री ने अब उन्हें गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी दी है तो उन्होंने खुद कहा कि पार्टी की कमान किसी को और संभालना चाहिए. बीजेपी संसदीय बोर्ड ने नड्डा को कार्यकारी अध्यक्ष चुना है. यानी अमित शाह पार्टी अध्यक्ष बने रहेंगे लेकिन कामकाज जेपी नड्डा संभालेंगे.

जेपी नड्डा को क्यों मिली वरीयता ?

यहां एक बार आपको जान लेनी चाहिए कि जेपी नड्डा नरेंद्र मोदी और अमित शाह की तो पसंद हैं ही वो संघ की भी पहली पसंद थे. 58 साल के नड्डा के बारे में ये कहा जाता रहा है कि नरेंद्र मोदी- अमित शाह को उनपर भरोसा है. नड्डा के बारे में ये भी कहा जाता रहा है कि वे बेहद लो प्रोफाइल रहते हैं. महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में होने वाले चुनाव तक अमित शाह अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी भी संभालेंगे. लिहाजा पार्टी पर पकड़ शाह की ही रहेगी.

हिमाचल के बिलासपुर के रहने वाले जय प्रकाश नड्डा ने पटना से एलएलबी की पढ़ाई की है. शुरू से एबीवीपी से जुड़े रहे और 1993 में हिमाचल प्रदेश से पहली बार विधायक चुने गये. नड्डा हिमाचल प्रदेश में मंत्री भी रह चुके हैं. 1994 से 1998 तक वे विधानसभा में पार्टी के नेता भी रहे हैं. 2007 में नड्डा प्रेम कुमार धूमल की सरकार में वन-पर्यावरण, विज्ञान और टेक्नालॉजी विभाग के मंत्री बनाये गये.

2012 में नड्डा को राज्यसभा सांसद बनाया और 2014 में मोदी सरकार में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री के तौर पर चुना गया. लिहाजा नड्डा के पास काम करने का अच्छा खासा अनुभव है. बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर उनके पास जिम्मेदारी तो होगी लेकिन अंतिम निर्णय लेने का काम अमित शाह ही करेंगे.

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