डॉक्टर्स की हड़ताल से चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था, कोलकाता में 100 डॉक्टरों का इस्तीफा
बंगाल से शुरु हुई डॉक्टरों की हड़ताल दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरू तक पहुंच गई है. बीती 10 जून को पश्चिम बंगाल के एनआरएस मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर्स के खिलाफ हिंसा के बाद बंगाल में विरोध शुरु हुआ था. अब इस असर पूरे देश में देखा जा रहा है. डॉक्टर्स ने मेडिकल सेवाएं बंद कर दी और हड़ताल पर चले गए हैं.
पश्चिम बंगाल में डॉक्टर्स की हड़ताल की वजह से पूरे राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गईं थीं. लोग परेशान थे और हंगामा कर रहे थे लेकिन अब इस हड़ताल के समर्थन में कई राज्यों के डॉक्टर्स हड़ताल पर चले गए हैं. पश्चिम बंगाल के NRS मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में दो जूनियर डॉक्टरों की कथित पिटाई के विरोध में शुरु हुई है. हड़ताल कर रहे हैं डॉक्टरों का कहना है कि डॉक्टरों की सुरक्षा का इंतजाम किया जाए. महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स और हैदराबाद के निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों का समर्थन किया है.
दिल्ली में भी मेडिकल एसोसिएशन और एम्स की रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने हड़ताल करने अपना विरोध दर्ज कराया है. 10 जून से शुरु हुआ विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है और इसका असर अब मरीजों पर पड़ने लगा है. हड़ताल के चलते पश्चिम बंगाल में मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. पश्चिम बंगाल में तो विरोध के चलते करीब 100 डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया है. हालांकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हड़ताल कर रहे डॉक्टरों से एसएसकेएम अस्पताल पहुंचकर मुलाकात की और काम पर लौटने के लिए कहा लेकिन डॉक्टर काम पर नहीं लौटे.
पश्चिम बंगाल सरकार ने डॉक्टरों पर कार्रवाई करने की बात भी कही है. इस मुद्दे पर डॉक्टर्स ने राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी से मुलाकात की है और मुख्यमंत्री के बयान पर नाराजगी भी जताई. हड़ताली डॉक्टरों का कहा कहना है कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर भी सख्त कदम उठाए जाएं. जब तक उनकी ये मांगे नहीं मानी जाती तब वो काम पर नहीं लौटेंगे. दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से भी डॉक्टरों ने मुलाकात की है.