कश्मीर में मूसा की मौत पर मातम क्यों हो रहा है ?
भारतीय सुरक्षा बलों ने कश्मीर में घाटी में मोस्ट वॉन्टेड आतंकी जाकिर मूसा को मार गियाया है. मूसा भारत प्रशासित कश्मीर में अल क़ायदा से ताल्लुक रखने वाले आतंकी संगठन अंसार ग़ज़ाल अल हिंद का सर्वेसर्वा था. जाकिर मूसा की मौत के बाद घाटी में हालात बेकाबू हो गए हैं और कई इलाकों में प्रदर्शन शुरु हो गए हैं. अलगाववादी नेताओं ने बंद का एलान किया है. स्कूल कॉलेजों को बंद कर दिया गया है
23 मई को भारतीय सुरक्षबलों ने दक्षिण कश्मीर के त्राल ज़िले में हुई मुठभेड़ में मूसा की मौत हुई थी. जाकिर मूसा एक घर में छिपा हुआ था. जुलाई 2017 में अल-क़ायदा समर्थक एक मीडिया आउटलेट ने मूसा के नेतृत्व में घाटी में एक जिहादी संगठन बनने की ख़बर दी थी. ये आतंकी घाटी में युवाओं को आतंक की ओर ले जाने के काम कर रहा था. पहले वो हिज़्बुल मुजाहिदीन के लिए काम करता था लेकिन 2016 में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में बुरहान वानी की मौत के बाद मूसा ने अपना रुख बदल दिया था.
मूसा का असली नाम था ज़ाकिर राशिद भट था और उसने 2013 में चंडीगढ़ के एक कॉलेज से इंजीनियरिंग की पढ़ाई बीच में ही छोड़कर आतंक का रास्ता चुना था. मूसा का जुड़ाव कश्मीर में हिज़्बुल मुजाहिदीन से हुआ. मूसा और बुरहान वानी ने सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को आतंकी बनाने का काम शुरु किया. आठ जुलाई 2016 को सुरक्षा बलों ने वानी का एनकाउंटर किया तो उसके बाद मूसा को कश्मीरी चरमपंथियों का नया चेहरा माना जाने लगा. 13 मई 2017 को मूसा ने इस संगठन से उस समय नाता तोड़ लिया था. आपको बता दें कि बात मे मूसा ने हिज़्बुल की ‘स्वतंत्रता या पाकिस्तान के साथ विलय’ की नीति से हटते हुए अल-क़ायदा के प्रति समर्थन जताया और कहा, ”मैं एक धर्मनिरपेक्ष देश की स्थापना के लिए अपना बलिदान नहीं दूंगा.
अप्रैल 2019 को जारी किए गए ऑडियो में मूसा ने भारत के लोगों से चुनावों में हिस्सा न लेने की अपील की थी. और ये भी इत्तेफाक है कि जब चुनाव के नतीजे आए तभी मूसा मारा गया. मूसा की मौत के बाद पूरी घाटी में तनाव है और स्कूल कॉलेज बंद कर दिए हैं.