पश्चिम बंगाल : मोदी के सामने क्यों नहीं गली दीदी की दाल ?
बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में ये साबित कर दिया है कि अगर पूरी लगन और प्लानिंग के साथ काम किया जाए तो किसी भी किले को भेदा जा सकता है. बीजेपी ने पश्चिम बंगाल मे जो प्रदर्शन किया है उसने ममता दीदी के दिमाग में खलबली मचा दी है.
पश्चिम बंगाल में 2021 में विधानसभा चुनाव होने हैं और बीजेपी की तैयारी पुख्ता है. बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में जो प्रदर्शन किया है यकीनन वो उसे विधानसभा सभा चुनाव में दोहराने की प्लानिंग कर रही है. 2014 के लोकसभा चुनावों में महज 17 फ़ीसदी वोट के साथ दो सीटें जीतने वाली बीजेपी के वोटों का आंकड़ा 40 फ़ीसदी पहुंचने को जबरदस्त राजनीतिक उलटफेर है और ममता बनर्जी के लिए ये आकंड़े परेशान करने वाले हैं. 2019 में बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में जो किया है शायद उसके बारे में ममता बनर्जी ने कभी नहीं सोचा होगा.
2019 के लोकसभा चुनाव में ममता बनर्जी की तैयारी थी कि वो सभी 42 सीटों पर जीत दर्ज करें लेकिन बीजेपी ने उनके इरादों पर पानी फेर दिया. बीजेपी ने इस बार ठीक वैसा ही प्रदर्शन किया है जैसा 2009 में ममता बनर्जी ने किया था. 2009 में तृणमूल कांग्रेस ने वाम मोर्चे की सरकार के दौरान 1 से 19 तक पहुंच गईं थीं. अब बीजेपी भी एक से दहाई के आंकड़े तक पहुंच गई है. बीजेपी की कामयाबी ये बताती है कि सीपीएम का वोट भी बीजेपी में ट्रांसफर हो गया है.
पश्चिम बंगाल में बीजेपी को नागरिकता (संशोधन) विधेयक और नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटीजंस (एनआरसी) जैसे मुद्दों का फायदा हुआ है. बीजेपी ने झारखंड से लगे हुए बांकुड़ा, पुरुलिया और झाड़ग्राम इलाकों में शानदार प्रदर्शन किया है. उधर जलपाईगुड़ी, दार्जिलिंग और अलीपुरदुआर पर भी जीत दर्ज की. इस चुनाव में एक बार स्पष्ट होती है कि बीजेपी को लोग टीएमसी के विकल्प के तौर पर देख रहे हैं. इस चुनाव में बीजेपी के दोनो स्टार प्रचारकों ने 34 रैलियां की थी और इसका असर नतीजों में दिखाई दिया.