पश्चिम बंगाल में अमित शाह के रोड शो में भड़की हिंसा के मामले में नया खुलासा हुआ है. हिंसा से जुड़े हुए जो वीडिया सामने आए हैं उसके आधार पर ये कहा जा रहा है कि हिंसा भड़काने में बीजेपी और टीएमसी दोनों ही पार्टियों का हाथ था.
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पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा के बाद बीजेपी और टीएमसी दोनों एक दूसरे को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं. बीजेपी का कहना है कि ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र औ संविधान की हत्या की है. वहीं ममता बनर्जी ने भी पदयात्रा निकालकर कहा है कि पश्चिम बंगाल में मोदी की तानाशाही नहीं चलेगी.
ममता की पदयात्रा पॉलिटिक्स
वहीं दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा से जुड़े कुछ वीडियो सामने आए हैं. इनमें भगवा कपड़े पहने कुछ लोग कोलकाता स्थित विद्यासागर कॉलेज हॉस्टल के बाहर लगी शिक्षाशास्त्री व समाज सुधारक ईश्वरचंद्र विद्यासागर की मूर्ति तोड़ते दिख रहे हैं.
एक और वीडियो में एक दूसरा समूह दीवार के दूसरी तरफ खड़े भगवा कपड़े व पगड़ी पहने लोगों पर पत्थर फेंकते दिख रहा है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक कोलकाता पुलिस इन दोनों वीडियो क्लिप की जांच कर रही है. रिपोर्ट के मुताबिक अमित शाह के रोड शो से पहले सबको पता था कि हंगामा होने वाला है. क्योंकि टीएमसी ने रोड शो से पहले ही इसका विरोध करने की तैयारी कर ली थी. रिपोर्ट में ये भी कहा है कि बीजेपी ने भी किसी अनहोनी से निपटने की तैयारी की थी.
किसने तोड़ी विद्यासागर की मूर्ति?
रिपोर्ट में एक वॉट्सएप वीडियो का जिक्र है जिसमें एक बीजेपी नेता अपने लोगों को कह रहे हैं कि वे टीएमसी के लोगों से लड़ने के लिए डंडे लेकर आएं. ममता बनर्जी ने दावा किया है कि जिन लोगों ने हिंसा की वो लोग बाहर से लाए गए थे. उधर जहां ईश्वर चंद्र विद्यासागर की मूर्ति तोड़ी गई वहां पर हॉस्टल के केयरटेकर एसआर मोहंती ने बताया,
‘(भाजपा की) रैली में आए करीब 50-60 लोगों ने गेट को धक्का देना शुरू कर दिया. वे उसे जबर्दस्ती खोलने की कोशिश कर रहे थे. मैं तुरंत ऊपर की मंजिल की तरफ भागा. कुछ छात्र महिला कॉलेज के गेट से बाहर निकल गए. इसी बीच पुलिस आ गई. उन्होंने (उपद्रवी) फर्नीचर को नुकसान पहुंचाया और विद्यासागर की मूर्ति का ऊपरी हिस्सा तोड़ दिया.’
वहीं, कैंपस में मौजूद पत्रकारिता की एक छात्रा ने बताया,
‘मैंने उन्हें हर फर्नीचर को तोड़ते समय जय श्रीराम चिल्लाते सुना था. मैं अपनी दो दोस्तों के साथ ऊपर की तरफ गई और बाद में पुलिस द्वारा भीड़ को तितर-बितर करने के बाद साथी छात्रों के साथ निकल गई.’
अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक रोड शो के दौरान हिंसा करने में बीजेपी और टीएमसी दोंनो का हाथ था लेकिन जिन लोगों ने मूर्ति को तोड़ा वो लोग भगवा कपड़े पहने हुए थे. रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि इस हिंसा के बारे में दोनों ही पार्टियों को पहले से पता था लेकिन फिर भी इसको गंभीरता से नहीं लिया गया.