इतनी सख्ती के बाद भी कैसे बढ़ गया भारत का गौमांस निर्यात?
गौ रक्षा के नाम पर हुई पहली मॉब लिंचिग के बाद एक बाद फिर से गोमांस निर्यात बढ़ गया है. 2015-16 में गौ-मांस निर्यात में गिरावत आई थी.
नई दिल्ली: भारत दुनिया का सबसे बड़ा बीफ निर्यातक देश है. हालांकि यहां के बूचड़खानों को सिर्फ भैंस के मांस का निर्यात करने की अनुमति है. फरवरी में जारी हुई ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में गौरक्षा के लिए हुए आंदोलन के बाद भारत के बीफ निर्यात में निरावट देखी गई थी. लेकिन अब एक बार फिर से बीफ निर्यात में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है.
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के डाटा के मुताबिक, जोकि वाणिज्य मंत्रालय के अधीन है. यह दर्शाता है कि 2014 में जब मोदी सरकार ने सत्ता संभाली थी तब से बीफ निर्यात में काफी वृद्धि हुई थी.
बीफ निर्यात के आंकड़े
भारत में 2014 में सत्ता परिवर्तन के बाद उम्मीद ये की गई थी कि गोमांस निर्यात में कमी आएगी लेकिन 2014-15 में गोमांस का निर्यात 14,75,540 मीट्रिक टन था, जो 10 सालों में सबसे ज्यादा था. 2013-14 में यह निर्यात 13,65,643 मीट्रिक टन था. इसके बाद के सालों में इसके निर्यात में करीब 11 फीसदी की कमी आई. सितंबर 2015 में यूपी के दादरी में अखलाख की हत्या के बाद से अगले दो वित्तीय सालों में बीफ निर्यात में मामूली बढ़ोत्तरी हुई थी.
- 2016-17 में बीफ़ निर्यात 13,30,013 मीट्रिक टन था
- 2017-18 में ये बढ़कर 13,48,225 मीट्रिक टन हो गया
इतने आंदोलनों के बाद भी भारत में बीफ निर्यात में कमी नहीं आई है. 2016-17 में गौ-मांस निर्यात की मात्रा 13,30,013 मीट्रिक टन से बढ़कर 2017-18 में 13,48,225 मीट्रिक टन हो गई हो, वहीं इस अवधि में बीफ निर्यात का मूल्य 26,9303.16 करोड़ रुपये से घटकर 25,988.45 करोड़ रुपये रह गया. इसको ऐसे समझा जा सकता है कि गो रक्षा के नाम पर भारत में जो आंदोलन किए हए उनका प्रभाव गोमांस या व्यापार पर बहुत ज्यादा पड़ा नहीं है.