2014 में कांग्रेस को हराने में जिन युवाओं की बड़ी भूमिका थी वही युवा 2019 में भी निर्याणक भूमिका अदा करेंगे. लोकसभा चुनाव में पहली बार मतदान करने वाले युवाओं के हाथों में 282 सांसदों की किस्मत है.
Loksabha Election 2019: कुछ हफ्ते बाद लोकसभा चुनाव होने हैं. इन चुनावों में 8.1 करोड़ मतदाता ऐसे हैं जिन्होंने 2014 में मतदान नहीं किया था. ये वो युवा मतदाता हैं जिन्होंने 2014 के बाद 18 साल की उम्र पूरी की है. आपको बता दें कि ये नए मतदाता लोकसभा चुनाव 2019 में 282 सीटों को प्रभावित करेंगे और जिनके पक्ष में ये मतदाता वोट करेगा उसी की किस्मत खुलेगी.
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निर्णायक भूमिका में नए मतदाता
लोकसभा चुनाव में पहली बार वोट करने वाले ये मतदाता 29 राज्यों की 282 सीटों पर निर्याणक भूमिका अदा करने वाले हैं. चुनाव आयोग के डेटा के एनालिसिस के आधार पर पता चलता है कि इन सीटों पर 2014 में जितना जीत का अंतर था, 2019 में पहली बार वोट करने वालों की संख्यार उससे कहीं ज्यादा हो सकती है. 1997 से लेकर 2001 के बीच पैदा हुए ये नए मतदाता पिछले लोकसभा चुनाव में मतदान के योग्य नहीं थे. आकंड़ा कहता है कि हर लोकसभा सीट पर औसतरन 1.49 लाख वोटर ऐसे होंगे जो पहली बार मतदान करेंगे.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक हर पर पहली वार मतदान करने वाले 18 से 22 साल के मतदाताओं पर जीत हार निर्भर करेगी. जिन सीटों पर सबसे ज्यादा ये युवा असर डालेगें वो सीटें 282 हैं. यानी लोकसभा में बहुमत का आंकड़ा दिलाने में इन नए मतदाओं की भूमिका सबसे ज्यादा रहने वाली है.
देश के 12 बड़े राज्यों में हैं ऐसी 217 सीटें: पश्चिम बंगाल (32 सीट), बिहार (29), उत्तर प्रदेश (24), कर्नाटक (20), तमिलनाडु (20), राजस्थाान (17), केरल (17), झारखंड (13), आंध्र प्रदेश (12), महाराष्ट्रा (12), मध्यउ प्रदेश (11) और असम (10).
ये वो राज्य हैं जहां पर 2014 के बाद नए मतदाताओं का राज्य औसत पिछले आम चुनाव के जीत के अंतर से ज्यादा है. इस बार ये तय है कि जो इन नए मतदाताओं को अपने पाले में लाने में कामयाब होगा वही सत्ता हासिल करेगा. इन आंकड़ों की वजह से ही सभी राजनीतिक दल युवाओं को ध्यान में रखकर अपने कैंपेन डिजाइन कर रहे हैं.