लोकसभा चुनाव से पहले किसानों के लिए आ सकती है ये अच्छी खबर
लोकसभा चुनाव में कुछ महीने शेष बचे हैं और ऐसे में राजनीति अपने चरम पर है. हर वो दांव जो चुनाव जिताए चला जा रहा है. लोकसभा के चुनावों में किसान क्यों अपने ख्वाबों को पूरा होते हुए देख रहा है ये आप बीजेपी के इन तीन फैसलों से समझ सकते हैं.
पहला फैसला असम सरकार ने लिया
असम में बीजेपी सरकार ते मुखिया सर्बानंद सोनोवाल ने किसानों का 25,000 रुपए तक का कर्ज़ माफ किया है, इसका फायदा असम के करीब 8 लाख कर्ज़दार किसानों को मिलने वाला है. सरकार के फैसले से सरकारी ख़जाने पर 600 करोड़ रुपए का बोझ आएगा. इतना ही नहीं पूरे प्रदेश में 19 लाख किसानों के लिए ब्याजमुक्त कर्ज योजना शुरू होने जा रही है.
दूसरा फैसला गुजरात सरकार ने लिया
गुजरता में विजय रूपाणी सरकार ने किसानों का कर्ज तो माफ नहीं किया लेकिन बड़ी राहत दी है. अब गुजरात में किसानों को बिजली के बकाया बिलों का भुगतान नहीं करना पड़ेगा. ऊर्जा मंत्री सौरभ पटेल ने जानकारी दी है कि इससे राज्य के 6.22 लाख किसानों को फायदा होगा. इस फ़ैसले से सबसे ज्यादा फायदा ग्रामीण आबादी को है और इससे सरकार पर 650 करोड़ रुपए का बोझ पड़ा है.
तीसरा फैसला ओडिशा में लिया गया
यहां बीजू जनता दल (बीजेडी) की सरकार है और नवीन पटनायक मुख्यमंत्री हैं. यहां बीजेपी ने किसानों को केंद्र में रखकर नया दांव चला है. बीजेपी ने यहां किसानों से वादा किया है कि अगर अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में वो जीते तो किसानों का कर्ज माफ करेंगे. ओडिशा से ही ताल्लुक़ रखने वाले केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी ऐसा वादा कर चुके हैं.
अब सवाल ये है कि क्या ये वही बीजेपी है जिसने महाराष्ट्र में किसानों की आवाज तब सुनी जब वो सड़कों पर उतर आए और मध्यप्रदेश में तो किसानों कर्जमाफी की मांग की जगह भावांतर योजना से काम चलाने की कोशिश की. क्योंकि किसान कर्जमाफी एक ऐसा वादा है जो सरकार बनाने और गिराने में काफी कारगर है. ये बात बीजेपी समझ चुकी है. मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में किसाने कर्जमाफी की मांग उठ रही थी लेकिन बीजेपी सरकार ने गौर नहीं किया. यहां की सरकारों ने फ़सल की कीमत पर बोनस, एमएसपी जैसे दांव चले जो चले नहीं. आखिर में यहां से बीजेपी को सत्ता गंवानी पड़ी.
कांग्रेस ने कर्जमाफी का कामयाब दांव चला
लोकसभा चुनाव में जीत की उम्मीद पाल कर कांग्रेस किसानों की राजनीति कर रही है. इसका असर ये है कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी किसानों का कर्ज़ और बिजली बिल माफ़ करने का वादा उसकी सरकारों ने चौबीस घंटे में निभा दिया. शायद यही कारण है कि बीजेपी किसानों पर गंभीरत से विचार कर रही है.
क्या मोदी सरकार किसानों का कर्ज माफ करेगी?
हो सकता है कि लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार किसानों का कर्जमाफ कर दे. द इकॉनॉमिक टाइम्स ने बताया है कि मोदी सरकार देश के लगभग 26.30 करोड़ किसानों का कर्ज़ माफ़ करने की योजना पर काम कर रही है. योजना ये है कि सरकार किसानों का करीब 3,971 अरब रुपए का कर्ज़ माफ करेगी. अगले साल जब मोदी सरकार अपना आखिरी बजट पेश करेगी तो ये पूरी तरह से चुनावी होगा. हो सकता है कि इस बजट में किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाए क्योंकि 2008 में यूपीए सरकार ने देश के किसानों का लगभग 720 अरब रुपए का कर्ज़ माफ़ करने का ऐलान किया था और 2009 में चुनाव जीता था.