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राहुल के ‘वचन’ वरदान बनेंगे या…

राहुल गांधी ने सॉफ्ट हिन्दुत्व का जिस वजह से सहारा लिया था उसमें उन्हें कामयाबी मिली है. कांग्रेस उन तीन राज्यों में सरकार बनाने में कामयाब रही है जहां पर बीजेपी का कब्जा था. अब आगे क्या ?

कांग्रेस के सामने जिसने बड़ी चुनौती इन राज्यों से बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने की थी उतनी ही बड़ी चुनौती है सत्ता में आने के लिए किए गए वचनों को पूरा करने की. गाय, गोशाला और हिन्दुत्व की तिगड़ी का ही कमाल था कि राहुल गांधीने बीजेपी को उसी के हथियार धाराशाही कर दिया लेकिन क्या घोषणा पत्र में किए गए वादों को पूरा करना कांग्रेस के लिए आसान होगा. कांग्रेस गोशालाओं के लिए अनुदान देने का वादा किया है, नई गोशाओं को बनाने के वादा किया है. कांग्रेस के घोषणापत्र में जो वादे किए गए थे उनमें से ज्यादातक हिन्दुओं को आकर्षित करने वाले थे. अब इनको अमल में लाना आसान नहीं होगा.

मध्य प्रदेश के लोगों को क्या वचन दिया

अब अगर आप मध्यप्रदेश के इन वचनों पर ध्यान दें आपको समझ आएगा कि कांगेस ने लोकसभा चुनाव के लिए किन मतदाताओं को टारगेट किया है. ये पता चलता है कि बीजेपी को शिकस्त देने के लिए कांग्रेस जो रणनीति बनाई थी उसे कामयाब करने में कितनी समझदारी के साथ कांग्रेस ने कदम बढ़ाए और कामयाबी हासिल की.

राजस्थान में कांग्रेस के ‘वचन’ क्या थे ?

कांग्रेस के वचनपत्र में जो वादे किए गए थे उनको पूरा करना कांग्रेस सरकार के लिए आसान नहीं होगा. शासकीय मंदिरों और धार्मिक स्थानों पर पेयजल, स्ट्रीट लाइट, प्रसाधन, नाली, सड़क और कूड़ेदान जैसी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए कांग्रेस ने वादा किया है लेकिन इसको अमल में लाना एक मुश्किल काम इसलिए है क्योंकि राज्यों की माली हालत ठीक नहीं है. राजस्थान की बात करें तो यहां करीब 2 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है. खजाना खाली है. पैसा कहां से आएगा ये बताना मुश्किल है. मध्यप्रदेश में भी कमोवेश वही हालात हैं क्योंकि यहां शिवराज सिंह विपक्ष में भले ही हों लेकिन वो बहुत ताकतवर स्थिति में हैं. तो वहां पर कल्याणी योजनाओं को बंद भी करना आसान नहीं है. देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस वचन कैस पूरे करती है?

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