मतदाता को धारा 49 (पी) और टेंडर वोट के बारे में जरूर जानना चाहिए
एक मतदाता उत्साहित होकर वोट डालने जाता है और पोलिंग पर पहुंचने के बाद उसे पता चलता है कि उसका वोट तो पहले ही पड़ गया है तो वो क्या है करे ? क्या ऐसी सूरत में मतदाता के पास कोई अधिकार है. तो आपको बता दें कि संविधान में वोट चोरी होने के लिए धारा 49 (पी) का प्रावधान है.
धारा 49(पी) क्या है?
- अगर हमारा वोटकोई और डाल दे, तो इसे धारा49(पी) के तहत वोट का चोरी होना कहा जाता है. चुनाव आयोग ने साल 1961 में इस धाराको संशोधित कर शामिल किया था.
- इसके तहत वोटकरने के असल हक़दार को दोबारा वोट करने का अधिकार दिया जा सकता है. इसे वोट टेंडरवोट कहलाता है.
- धारा 49 (पी)के ज़रिए पड़े हुए वोट को निरस्त किया जा सकता है. इसके बाद असल मतदाता को दोबारावोट करने का मौक़ा दिया जाता है.
- जो भी व्यक्तिइस धारा का इस्तेमाल करना चाहता है, सबसे पहले वो अपनी वोटर आईडी पीठासीन अधिकारी को दिखानी चाहिए.
- मतदाता कोफ़ॉर्म 17 (बी) पर हस्ताक्षर कर जमा करना होता है.
- इसके बाद बैलेटपेपर को मतगणना केंद्र में भेजा जाता है.
- धारा 49 (पी)का इस्तेमाल करते हुए कोई व्यक्ति ईवीएम के ज़रिए वोट नहीं डाल पाता.’
- पोलिंग एजेंटको फॉर्म 14 और दो रुपए देकर कर पीठासीन अधिकारी के पास शिकायत करनी होती है.
- पीठासीनअधिकारी इलाक़े के राजस्व अधिकारी की मौजूदगी में जांच कराता है.
धारा 49 पी कहती है कि
”अगर फ़र्ज़ीवोट की पहचान हो जाती है तो जिसके नाम से वोट गया है, उसे अपना वोट देने का अधिकार है. लेकिन अगरफ़र्ज़ी मत की पहचान नहीं होती है तो पीठासीन अधिकारी या तो शिकायतकर्ता केख़िलाफ़ मामला दर्ज कर सकता है या फिर पोलिंग एजेंट को दो रुपए वापस कर मामलाख़त्म कर सकता है.”
यहां आपको एक बात जान लेनी जरूरी है कि को मतदाता भले ही अपना वोट डाल दे लेकिन चुनावआयोग इसकी गिनती बहुत ही विषम परिस्थितियों में करता है. लेकिन ऐसा नहीं है इस वोट कीकीमत नहीं होती कई बात ये वोट जीत और हाल का फैसला करता है.
एक वोट की कीमत जानते हैं आप
हिन्दुस्तान के इतिहास में दो ही लोग हैं जो एक वोट के अंतर से चुनाव हारे हैं.
2004 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जेडी(एस) के एआर कृष्णमूर्ति को 40,751 मत मिले और कांग्रेस के ध्रुवनारायण को 40,752. इस तरह एक वोट के आधार पर कांग्रेस को जीतमिली.
2008 मेंराजस्थानविधानसभा चुनाव में कांग्रेस नेता सीपी जोशी जिन्हें 62,215 वोट मिले जबकि उनकेविरोधी बीजेपी के कल्याण सिंह चौहान को 62,216 मत मिले. सीपी जोशी चुनाव हार गए.
इसके तो एक वोट की कीमत क्या होती है आप समझ गए होंगे.