वो राज्य जो बीजेपी को 2019 का चुनाव हरा सकते हैं ?
2014 के मुकाबले बीजेपी के लिए 2019 में हालात एक दम अलग रहने वाले हैं. 11 तारीख को बीजेपी ने हिंदी हार्टलैंड के तीन राज्यों में सत्ता गंवाई है और उसके सामने बड़ी चुनौती होगी क्लीन स्वीप करने की. 2018 में हुए कई उप चुनावों के नतीजों ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और पीएम नरेंद्र मोदी के लिए परेशानी बढ़ाई हैं. यूपी, महाराष्ट्र, गुजरात और झारखंड ये वो राज्य हैं जहां पर बीजेपी को इस बार क्लीन स्वीप करना आसान नहीं होगा.
झारखंड
इस साल यहां तीन उपचुनाव हुए तीनों में बीजेपी हार गई. 2014 के विधानसभा चुनाव में यहां बीजेपी ने 81 में से 43 सीटें जीती थीं और लोकसभा में 14 में से 12 सीटों पर बीजेपी ने कब्जा किया था. लेकिन इसके बाद जितने भी उपचुनाव हुए एक को छोड़कर सभी में बीजेपी हार गई.
महाराष्ट्र
यहां भी बीजेपी के लिए स्थिति अच्छी नहीं है. शिवसेना के तेवर बदले हुए हैं और तीन सीटों पर हुए उपचुनाव में दो पर बीजेपी हारी है. बीजेपी सांसद नान पटोले ने बीजेपी पर किसानों के खिलाफ काम करने का आरोप लगाकर अपना इस्तीफा दे दिया था. यहां से बाद में कांग्रेस जीत गई. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने यहां पर 24 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था और 23 जीती थीं.
गुजरात
बीजेपी गुजरात में हुए विधानसभा चुनाव में ये देख चुकी है कि आने वाले वक्त में उसके लिए सबकुछ आसान नहीं रहने वाला. कांग्रेस से उसका कड़ी टक्कर मिलने वाली है. बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में 99 सीटें जीतीं थीं बाद में जसराणा विधानसभा सीट जीतकर ये आंकड़ा 100 हो गया लेकिन ये जीत सियासी तिकड़म से हुई थी. विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 16 सीटों का नुकसान हुआ था. और लोकसभा चुनाव की बात करें तो 2014 में बीजेपी ने यहां पर सभी 26 सीटों पर जीत दर्ज की थी.
उत्तरप्रदेश
सियासी तौर पर ये सबसे महत्वपूर्ण सूबा है. 2014 में बीजेपी ने यहां 71 सीटें जीती थीं और 2017 के विधानसभा चुनावों में भी जबरदस्त जीत दर्ज की थी. लेकिन बाद में हुए उपचुनाव में बीजेपी को करारी हार मिली. गोरखपुर, फुलपुर और कैराना सीट बीजेपी हार गई. गोरखपुर सीट पर तो बीजेपी 1989 से लगातार जीत रही थी लेकिन इस बार हार गई.
2019 में बीजेपी के लिए यहां माया-अखिलेश से टकराना आसान नहीं होगा. ये चार राज्य ऐसे थे जहां बीजेपी ने विरोधियों का सफाया कर दिया था लेकिन इस बार यहां बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ेगा और अगर यहां बीजेपी की रणनीति नहीं चली तो हार भी हो सकती है.