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क्या खत्म हो गई है पीएम मोदी और ट्रम्प की दोस्ती?

नई दिल्ली ने किसी भी विवाद से बचने के लिए प्रधान मंत्री और अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के किसी भी उम्मीदवार के बीच बैठक से परहेज किया जो वाशिंगटन डीसी के साथ अपने बढ़ते संबंधों के लिए अमेरिकी कांग्रेस में द्विदलीय समर्थन की भावना के खिलाफ जा सकता है।

पीएम मोदी ने अपने अमेरिका दौरे में फिलाडेल्फिया और न्यूयॉर्क में भारतीय समुदाय से मुलाक़ात की. राष्ट्रपति जो बाइडन ने डेलावेयर स्थित अपने निवास पर मोदी का स्वागत किया. अमेरिका ने इस यात्रा के दौरान कई प्राचीन भारतीय कलाकृतियों को भारत लौटाया. मोदी ने क्वाड नेताओं के सम्मेलन में भी हिस्सा लिया. संयुक्त राष्ट्र में पीएम मोदी ने ‘वैश्विक शांति और विकास के लिए ग्लोबल संस्थाओं में सुधार’ की ज़रूरत की बात की. पीएम मोदी फ़़लस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमीर ज़ेलेंस्की से भी मिले. लेकिन वो अपने पुराने और प्रिय मित्र ट्रम्प से नहीं मिले. पीएम मोदी की यात्रा से पहले रिपब्लिकन पार्टी की ओर से अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव लड़ रहे डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि भारतीय पीएम उनसे मिलेंगे. ये मुलाक़ात नहीं हई.

ट्रंप ने कही थी मुलाक़ात की बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका पहुँचने से पहले ही एक बयान में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि मोदी अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान उनसे मुलाक़ात करेंगे.

मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले जब विदेश मंत्रालय की प्रेस ब्रीफ़िंग में पत्रकारों ने विदेश सचिव विक्रम मिसरी से जब ट्रंप से मुलाक़ात पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने बस इतना कहा कि अभी तक कुछ तय नहीं है.

यानी उन्होंने न इस मुलाक़ात की कोई पुष्टि की और न ही इससे इनकार किया.

हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब साल 2019 में अमेरिका गए थे, तो ह्यूस्टन की हाऊडी मोदी रैली में उन्होंने ट्रंप को आमंत्रित किया था. इस कार्यक्रम में भारतीय समुदाय के लोगों की भारी भीड़ जुटी थी.

ट्रंप ने फ़रवरी 2020 में भारत का दौरा किया था और अहमदाबाद में एक लाख से अधिक लोगों की भीड़ उनके स्वागत में जुटी थी.

ट्रंप और मोदी दोनों ही एक-दूसरे को अपना मित्र बताते रहे हैं. हालांकि अमेरिका यात्रा के दौरान, ट्रंप के सार्वजनिक बयान के बावजूद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्रंप से मुलाक़ात ना करने को विश्लेषक एक रणनीतिक क़दम के रूप में देख रहे हैं.

जानकार मानते हैं कि ये कहना सही नहीं होगा कि मोदी ने ट्रंप को नज़रअंदाज़ किया या उनसे दूरी बनाई, ये कहना ज़्यादा सही है कि दोनों नेताओं की मुलाक़ात के लिए हालात और संदर्भ ठीक नहीं था. 

अमेरिका में नवंबर में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने हैं. रिपब्लिकन पार्टी की तरफ़ से एक बार फिर डोनाल्ड ट्रंप मैदान में हैं, जबकि डेमोक्रेटिक पार्टी से कमला हैरिस मैदान में हैं.

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