राजस्थान में इन दिनों बड़ी सियासी उठापटक के संकेत मिल रहे हैं. वसुंधरा राजे और मुख्यमंत्री गहलोत के बीच बयानबाजी और पायलट का करप्शन के खिलाफ यात्रा निकालने का एलान. क्या है इसके राजनीतिक माएने ये समझना जरूरी है.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वसुंधरा राजे, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल और एक बीजेपी विधायक पर संकट के समय उनकी सरकार बचाने में साथ देने की बात कहकर विवाद खड़ा कर दिया है. विवाद ऐसा है कि राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी की वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे को सामने आना पड़ा. उन्होंने पहली बार कड़े शब्दों में अशोक गहलोत पर सीधा हमला किया है. वसुंधरा राजे ने अशोक गहलोत के बयान को झूठ और अपने ख़िलाफ़ साज़िश बताई है.
नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद कई राज्यों में कांग्रेस की बनी बनाई सरकार गिर गई. कर्नाटक, अरुणाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश से लेकर पुडुचेरी तक में कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई. सबसे हाल में पिछले साल जून महीने में महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी के समर्थन से चल रही उद्धव ठाकरे की सरकार गिरी और यहाँ भी बीजेपी सत्ता में आ गई. आपको याद होगा जब साल 2020 में सचिन पायलट भी बाग़ी बन गए थे, तब अशोक गहलोत ने सरकार बचा ली थी.
अशोक गहलोत ने क्या कहा था
अशोक गहलोत ने यूपी-एमपी की सीमा से सटे धौलपुर ज़िले के राजाखेड़ा में कहा था कि वसुंधरा राजे, कैलाश मेघवाल और शोभारानी की वजह से उनकी सरकार गिरने से बच गई थी. सीएम गहलोत ने शोभारानी के लिए कहा, “ये बोल्ड लेडी हैं. जब शोभारानी ने हमारा साथ दिया तो भाजपा वालों की हवाइयां उड़ गईं. शोभारानी ने, दूसरी वसुंधरा राजे सिंधिया ने और तीसरे कैलाश मेघवाल ने.”
अशोक गहलोत के बयान पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और बीजेपी विधायक कैलाश मेघवाल से बीबीसी ने उनकी उनकी प्रतिक्रिया जाननी चाही तो उन्होंने हंसते हुए कहा, “इस पर मेरी प्रतिक्रिया है, नो कॉमेंट.” अशोक गहलोत ने अपने बयान में कहा था, “यही बात कैलाश मेघवाल और वसुंधरा राजे सिंधिया ने कहा कि हमारे यहां कभी पैसे के बल पर चुनी हुई सरकार गिराने की परंपरा नहीं रही है. आख़िर उन्होंने क्या ग़लत कहा? मैं इसे कभी भूल नहीं सकता.”
अशोक गहलोत ने इस दौरान भारत के गृह मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अमित शाह पर विधायकों की ख़रीद फरोख़्त के आरोप लगाए. उन्होंने दावा किया, “अमित शाह, धर्मेंद्र प्रधान और गजेंद्र सिंह शेखावत इन सबने मिलकर साज़िश की. पैसे बाँटे दिए राजस्थान में, पैसे वापस नहीं ले रहे हैं वो लोग, वापस क्यों नहीं माग रहे हैं पैसा?”
“मैंने यहां तक कह दिया अपने एमएलए को दस करोड़ या पंद्रह करोड़ जो भी लिया है. कुछ खर्च कर दिया हो तो मैं दे दूंगा या एआईसीसी से दिलवा दूंगा. वापस अमित शाह को 10 करोड़ दो. पंद्रह करोड़ लिए तो पंद्रह करोड़ दो वापस उनको. उनका पैसा मत रखो.”
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