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Navratri 2022: दुनिया किन देशों में होती है देवियों की पूजा ?

Navratri 2022

Navratri 2022: शारदीय नवरात्रि में 9 दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों का पूजन किया जाता है. प्रत्येक दिन उनके प्रिय रंग पहनने से आशीर्वाद मिलता है. यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि दुनिया में वो कौन से देश हैं जहां देवियों की पूजा की जाती है.

Navratri 2022 : भारत में मुख्य देवी के तौर पर शक्ति की देवी की उपासना होती है. माना जाता है कि दुनिया की हर चीज़ उन पर निर्भर है. यह भी दावा किया जाता है कि भारत में महिलाओं को देवी का स्थान प्राप्त है. लेकिन हम यहां आपको उन देशों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां पर देवियों की आराधना होती है. ऐसा नहीं है कि सिर्फ भारत में देवियों को पूजा जाता है. कई और देश भी हैं जहां देवी को पूजा जाता है. आइए जानते हैं,

Navratri 2022 स्पेशन: इन देशों में होती है देवी की पूजा

मिस्र की आइसिस और हाथोर

‘आइसिस’ को प्राचीन मिस्र में सबसे प्रमुख और सबसे शक्तिशाली देवी के रूप में जाना जाता है. आइसिस का सिर इस तरह दिखता है मानो उन्होंने गिद्ध के आकार का हेलमेट पहन रखा हो या गाय के सींगों के बीच सूर्य निकल आया हो. प्राचीन मिस्रवासियों की राय में आइसिस ने लोगों को खेती के तौर तरीक़ों के बारे में बताया. उन्हें पृथ्वी के देवता गेब और आकाश की देवी नट की बेटी के तौर पर देखा जाता है. आइसिस को न्याय व्यवस्था, मातृत्व, जीवन और चिकित्सा की भी देवी भी माना जाता है.

ग्रीक और रोमन देवी

आपने इतिहास की किताबों में ग्रीस और रोम की सभ्यताओं के बारे में पढ़ा होगा या किसी संग्रहालय में उनके देवियों की मूर्तियां देखी होंगी. एथेना को ग्रीक संस्कृति में देवी माना जाता है. इस देवी को रोमन देवी मिनर्वा के साथ मिलाकर देखा जाता है. एथेना को ज्ञान, कला, युद्ध, देवताओं और संस्कृति, सभ्यता, न्याय और गणित की जननी माना जाता है.

अमेतरासु, जापान की सूर्य देवी

जापान के शिंटो धर्म में, सूर्य को एक देवी, अमातेरासु के रूप में दर्शाया गया है. माना जाता है कि वह स्वर्ग से चमकने वाली देवी हैं. किवदंती के अनुसार, अमेतरासु का छोटा भाई सुजानो समुद्र और तूफ़ानों का देवता है. एक बार उनका झगड़ा हो गया और उसके बाद अमेतरासु जाकर एक गुफा में छिप गईं. इससे पूरी दुनिया में अंधेरा फैल गया. काफी अनुनय विनय के बाद ही वह बाहर आयीं और तब जाकर दुनिया में रोशनी हुई.

इश्तार, इनान्ना और इश्चेल

असीरियन और सुमेरियन सभ्यताओं का विकास मेसोपोटामिया (अर्थात वर्तमान इराक और सीरिया) में लगभग साढ़े चार हज़ार साल पहले हुआ था. इश्तार इस इलाक़े की प्रमुख देवी थीं जिन्हें कुछ लोग इनान्ना के नाम से भी पुकारते हैं जबकि कुछ लोगों के मुताबिक ये दोनों अलग-अलग देवियां थीं.

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