केदारनाथ मंदिर (Kedarnath Temple) करोड़ों लोगों की आस्था को केंद्र है. यहां 9 साल पहले आई आपदा में जो कुछ भी हुआ उसके जख्म आज भी ताजा हैं. लेकिन अब अच्छी खबर ये है कि आपदा 9 साल बाद अब भक्त द्वार पर लगे घंटे को बजाकर मंदिर परिसर में दाखिल हो सकेंगे। 16-17 जून 2013 की आपदा में विश्वविख्यात केदारनाथ मंदिर के प्रांगण में बना प्रवेश द्वार ध्वस्त हो गया था।
केदारनाथ आपदा (kedarnath mandir tragedy) के नौ साल बाद केदारनाथ मंदिर (Kedarnath Mandir News) के प्रवेश द्वार का निर्माण हो गया है। बदरी-केदार मंदिर समिति ने तीर्थ पुरोहितों और भक्तों की मांग पर द्वार का निर्माण कराने के साथ ही घंटे को लगवाया है। आपदा से पहले केदारनाथ मंदिर के पास प्रवेश द्वार और गेट पर बड़ा सा घंटा लगा था। लेकिन, आपदा के बाद यह निर्माण कार्य नहीं हो सका था। ऐसे में तीर्थ पुरोहितों की ओर से बार-बार गेट निर्माण करने के साथ ही घंटा लगाने की मांग की जा रही थी।
Kedarnath Temple में आपदा के जख्म आज भी ताजा
उत्तराखंड के केदारनाथ में आई भयानक आपदा को 9 साल हो गए हैं। साल 2013 में 16 और 17 जून को आई इस आपदा में कम से कम 6000 लोग मारे गए। तब कई दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश और फिर चौराबाड़ी झील के फटने से राज्य का यह हिस्सा तहस-नहस हो गया था। अमूमन सौम्य दिखने वाली मंदाकिनी रौद्र रूप में आ गई। साल 2013 में केदारनाथ धाम में आई विनाशकारी आपदा में लापता हुए लोगों का दर्द आज भी उनके परिजनों के चेहरों पर साफ दिखाई पड़ता है।
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