सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपनी चुनावी रणनीति बदल दी है. अब वो बीजेपी को उसी के अंदाज में जवाब देने की तैयारी कर रहे हैं. सपा पर नजर रखने वाले बताते हैं. कि अब सपा पर भी अब राष्ट्रवाद का रंग चढ़ने लगा है.
बीजेपी से लगातार शिकस्त खा रहे अखिलेश यादव अब भावात्मक मुद्दों को ही अपना बनाने की मुहिम में जुट गए है। अब वो अपने समाजवाद में राष्ट्रवाद का तड़का लगाने की कोशिश कर रहे हैं. इसके संकेत इस बात से मिलते हैं कि समाजवादी पार्टी आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में हर घर तिरंगा अभियान में बढ़चढ़ कर शामिल होगी. सपा ने बकायदा निर्देश जारी किए हैं कि सभी कार्यकर्ता 9 से 15 अगस्त तक अपने घरों में राष्ट्रीय ध्वज फहरा दें. पार्टी का कहना है कि भारत छोड़ो आंदोलन में समाजवादियों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया था.
अखिलेश के सामने 24 की चुनौती
सपा प्रमुख ये अच्छी तरह से जानते हैं कि अगर 24 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराना है तो उसके राष्ट्रवाद के मुद्दे की काट निकालनी होगी. इसलिए अखिलेश यादव अब राष्ट्रवाद के सवाल पर खुद को उसके बड़े पैरोकार के तौर पर पेश करना चाहते हैं. सपा ने अगस्त क्रांति दिवस के मौके पर शुरू करने जा रही पदयात्रा का नाम ही देश बचाओ- देश बनाओ रखा है. इसमें भी तिरंगा झंडा अभियान पर सबसे ज्यादा यात्रा फोकस रहेगा. इसके जरिए समाजवादी खुद को राष्ट्रवाद व देश भक्ति के मोर्चे पर भाजपा को जवाब देना चाहती है.
पहले भी ऐसी कोशिश कर चुकी है सपा
अखिलेश यादव पहले भी कृष्ण मंदिर, हनुमान भक्त व परशुराम की मुहिम जैसे मुद्दों पर हिंदुत्व की बात करते रहे हैं. हालांकि विधानसभा चुनाव में पार्टी को इसका अपेक्षित लाभ नहीं मिला. अखिलेश की हाल में शिवजी की पूजा व रुद्राभिषेक करते हुए फोटो भी वायरल हुई थी. सपा साफ्ट हिंदुत्व पर आगे बढ़ते हुए अब राष्ट्रवाद पर मुखर होकर भाजपा का मुकाबला करना चाहती है. हालांकि सपा को चुनाव में मुस्लिमों के बड़े वर्ग का समर्थन मिला लेकिन वह सत्ता से दूर ही रही। अब पार्टी रणनीति बदलती दिख रही है.
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