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कांवड़ यात्रा में जाने वाले इस मुसलमान को किससे है खतरा?

कांवड़ यात्रा: सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ के भक्त कावड़ यात्रा निकालते हैं. इस यात्रा का काफी महत्व भी है लेकिन कहा जाता है कि इसमें सिर्फ शामिल होते हैं हिंदू. मगर कुछ मुसलमान भी हैं जो इस यात्रा में बड़ी शिद्दत से हिस्सा लेते हैं और उन्हीं में से एक है वकील मलिक.

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शामली ज़िले के गाँव भैंसवाल निवासी वकील मलिक पाँच बार कांवड़ ढो चुके हैं और इस बार फिर से 22 जुलाई को कांवड़ लाने हरिद्वार जा रहे हैं. हालांकि, इस बार उन्होंने अपने परिवार की सुरक्षा के लिए शामली की ज़िलाधिकारी को एक पत्र सौंपा है. उसमें उन्होंने शरारतियों के डर से आशंका जताते हुए डीएम से अपने परिवार की सुरक्षा की मांग की है. कावड़ यात्रा में जाने से पहले वकील मलिक बताते हैं,

“मैं नमाज़ पढ़ता हूँ, लेकिन शिव भक्त भी हूँ. पाँच बार हरिद्वार कांवड़ यात्रा पर गया हूँ. इस बार छठी बार कांवड़ यात्रा पर जाने की इच्छा है. मुझे कुछ शरारतियों से डर है कि कहीं मेरे परिवार और बच्चों पर कोई परेशानी न आ जाए. इसलिए डीएम शामली को पत्र सौंपकर सुरक्षा की मांग की है.”

वकील मलिक में शिव भक्ति कहाँ से जगी, इस सवाल के जवाब में वे कहते हैं, “मैं कुछ परेशानियों में था. अचानक मुझे लगा कि हरिद्वार से कांवड़ यात्रा पर जाना चाहिए. इसके बाद मैं निकल गया और जलाभिषेक कर वापस लौटा तो मेरी परेशानियां काफ़ी हल हो चुकी थीं. अब मैं हर साल कांवड़ यात्रा पर जाता हूँ.”

वकील के परिवार में उनकी पत्नी के अलावा चार बेटियां और एक बेटा हैं. सबसे बड़ी बेटी की उम्र क़रीब 16 साल है, जो कक्षा सात की छात्रा हैं. उनके परिवार में वकील के चार भाई हैं. दो भाई बाहर रहते हैं जबकि वकील और एक अन्य भाई गाँव में ही रहते हैं.

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