पर्यावरण को बचाने के लिए देहरादून में सर्वे ऑफ इंडिया के चार सर्वेयर अधिकारी एक बड़े प्रोजेक्ट पर काम करने वाले हैं. सर्वे अधिकारी पहली बार अंटार्कटिका के तीन से चार किलोमीटर क्षेत्र का ड्रोन सर्वे करेंगे।
अंटार्कटिका में पर्यावरणीय बदलाव जानने के लिए पहली बार थ्रीडी मैपिंग की जाएगी। इसके लिए 42वें अभियान के शोधकर्ताओं के दल में देहरादून स्थित सर्वे ऑफ इंडिया के चार सर्वेयर अधिकारी भी शामिल किए गए हैं। सर्वे अधिकारी पहली बार अंटार्कटिका के तीन से चार किलोमीटर क्षेत्र का ड्रोन सर्वे कर ये पता लगाने का प्रयास करेंगे।
पिछले दो सालों में पृथ्वी की स्थिति में टेक्टोनिक प्लेट के मूवमेंट से कितना फर्क आया है। सर्वे ऑफ इंडिया देहरादून में तैनात उप अधीक्षक सर्वेक्षक मेजर सिद्धार्थ राठी, अधीक्षक सर्वेयर गौरव कुमार सिंह, सर्वेक्षक अंकुर कुमार सिंह और सुजॉय डे को अभियान दल में शामिल किया गया है।
पर्यावरण को बचाने के लिए दिसंबर से शुरू होगा अभियान : नेशनल सेंटर फॉर पोलर एंड ओशन रिसर्च (एनसीपीओआर) गोवा इस अभियान का संचालन करता है। पिछले दो साल से कोविड की वजह से 40 और 41वां अभियान बुरी तरह प्रभावित रहा था। लिहाजा 42वें अभियान दल को दिसंबर से तीन माह तक वहां बिताने और शोध के लिए तैयार किया जा रहा है।
थ्रीडी मैपिंग भी की जाएगी
सर्वे ऑफ इंडिया इस अभियान में लार्ज स्कैल मैपिंग, कंटूर मैपिंग का काम करता है। इस बार ड्रोन सर्वे से पूरे इलाके की थ्रीडी मैपिंग होनी है, ताकि टेक्टोनिक प्लेट मूवमेंट का सही अंदाजा लगाया जा सके। वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस मूवमेंट की वजह से पृथ्वी हर साल एक से डेढ़ सेमी उत्तर-पूर्व दिशा की ओर खिसक रही है। इससे पृथ्वी की अक्षांश देशांतर की स्थिति में भी फर्क आ रहा है और धरती के प्राणियों को पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन का सामना करना पड़ रहा है।
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