उत्तराखंड की होनहार बेटी बचपन से अपने आसपास जर्जर अस्पताल और उसकी वजह से दम तोड़ते मरीजों को देख रही थी. और इसकी बदहाली ने उसे प्रेरणा दी कुछ करने की. आज वह बेटी आईएएस बनकर पहाड़ का नाम रोशन करने जा रहे है.
किसी भी सफलता के पीछे कोई न कोई वजह जरूरी होती है। सीमांत की दीक्षा के आईएएस बनने के पीछे भी कुछ ऐसी ही कहानी है। मेडिकल क्षेत्र में अपना भविष्य देख रही दीक्षा ने कभी सोचा नहीं होगा कि वह एक दिन यूपीएससी परीक्षा में देश भर में टॉप 20 की सूची में शामिल होंगी। ईटनशिप के दौरान जब उन्होंने सरकारी व्यवस्थाओं में कमियां देखी तो उन्होंने प्रशासनिक अधिकारी बनकर उन्हें दुरुस्त करने की ठानी और चार साल की कठिन मेहनत के बाद आईएएस बनने का मुकाम हासिल किया।
उत्तराखंड की बेटी को बधाई देने वालों का लगाता तांता
यूपीएससी परीक्षा का परिणाम घोषित होने के बाद भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सुरेश जोशी की पुत्री डॉ. दीक्षा जोशी ने बताया कि उन्होंने कहा कि देहरादून से इंटरमीडिएट करने के बाद उन्होंने जौलीग्रांट स्थित हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस से एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू की।
पांच साल की पढ़ाई के बाद वे ईटनशिप के लिए दून मेडिकल कॉलेज पहुंची। इस दौरान उन्हें हेल्थ केयर की कुछ कमियां दिखी। जिसके बाद उन्हें लगा कि प्रशासनिक अधिकारी बनकर ही इन कमियों को दूर किया जा सकता है। इस सोच ने उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू करने के लिए के लिए मजबूर कर दिया।
उनके दृढ़ संकल्प और कठिन मेहनत की बदौलत आज देश भर में उन्होंने अपनी प्रतिभा को साबित किया है। दीक्षा ने कहा उन्हें जहां भी काम करने को मिलेगा उसे पूरी ईमानदारी और न्याय के साथ अपने कर्तव्यों को निर्वाहन करेंगी। सरकार की योजनाओं को धरातल में उतारना उनकी प्राथमिकताएं रहेंगी।
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