Uttarakhand : पहाड़ों पर हमेशा खतरा बना रहता है. यहां रहने वाले लोग अक्सर कुदरत के कहर का शिकार होते हैं. उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, कुमाऊं में कपकोट, धारचूला, मुनस्यारी भूकंप की दृष्टि से सर्वाधिक संवेदनशील है.
कुमाऊं विवि भूगर्भ विज्ञान विभाग के डा संतोष जोशी ने हिमालयी क्षेत्र में भूकंप की संवेदनशीलता पर शोध अध्ययन किया है। यह शोध पत्र जर्नल्स आफ अर्थक्विक इंजीनियरिंग में प्रकाशित भी हो चुका है। डा जोशी को कुमाऊं विवि के दीक्षा समारोह में पीएचडी की उपाधि मिलेगी। डॉक्टर जोशी के शोध ने कई अहम बातों का खुलासा किया है।
Uttarakhand के इन जिलों में भूकंप का खतरा
Uttrakhand में उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, कुमाऊं में कपकोट, धारचूला, मुनस्यारी भूकंप की दृष्टि से सर्वाधिक संवेदनशील है। इन इलाकों में भूंकप धरती के दस से लेकर 25 किलोमीटर गहराई के बीच भूकंप आते रहे हैं। इंडियन प्लेट में हिमालयन थ्रष्ट के जोड़ में गतिविधियों से भूकंप की वजह हैं। लेसर हिमालया में सबसे अधिक भूकंप आ रहे हैं। भूकंप में चट्टान के अपेक्षा मिट्टी वाले इलाकों में नुकसान अधिक होता है। इस दृष्टि से ऊधम सिंह नगर जिले के रुद्रपुर, काशीपुर, अल्मोड़ा, देहरादून, पौड़ी बेहद संवेदनशील है।
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