नवनीत राणा ने दलित होने की वजह से उनके साथ किए गए गलत व्यवहार की शिकायत को लेकर लोकसभा (Loksabha) अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा. लोकसभा सचिवालय ने मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार (Maharashtra Government) को निर्देश दिया कि वे इस पर 24 घंटे में रिपोर्ट पेश करें.
हनुमान चालीसा विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है अब अमरावती से सांसद नवनीत राणा (Navneet Rana) और उनके विधायक पति रवि राणा ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को चिट्ठी लिखकर अपने साथ महाराष्ट्र सरकार की बदसलूकी का जिक्र किया है. दरअसल नवनीत राणा की सीएम उद्धव ठाकरे के निवास ‘मातोश्री’ के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने की जिद की थी. शनिवार को उन्हें मुंबई की खार पुलिस ने भड़काऊ भाषण देने, समाज में तनाव पैदा करने और सरकारी कामों में अड़चनें पैदा करने के मामले में गिरफ्तार कर लिया.
नवनीत राणा के खिलाफ राजद्रोह के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है. इसके बाद रविवार को उन्हें बांद्रा हॉलिडे कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा. लेकिन इस दौरान नवनीत राणा का आरोप है कि पुलिस कस्टडी में उन्हें रात भर पानी के लिए भी नहीं पूछा गया.
वॉशरुम तक जाने नहीं दिया गया. उनके साथ ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि वे अनुसूचित जाति से जुड़ी महिला हैं. नवनीत राणा ने दलित होने की वजह से उनके साथ किए गए गलत व्यवहार की शिकायत को लेकर लोकसभा (Loksabha) अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा. लोकसभा सचिवालय ने मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार (Maharashtra Government) को निर्देश दिया कि वे इस पर 24 घंटे में रिपोर्ट पेश करें.
नवनीत राणा ने ओम बिरला को लिखे पत्र में कई गभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने लिखा है,’मुझे 23 अप्रैल को खार पुलिस स्टेशन लाया गया. मैंने पूरी रात पुलिस स्टेशन में गुजारी. मैने पीने के लिए पानी मांगा. लेकिन रात भर मुझे पानी नहीं दिया गया. पानी मांगने पर मेरी जाति को लेकर मुझे गालियां दी गईं. मैं अनुसूचित जाति की हूं इसलिए पानी पीने जैसे मौलिक अधिकार से भी वंचित किया गया.’
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