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जहांगीरपुरी में अब क्या होगा, क्या है बुलडोजर वाले का पूरा प्लान ?

जहांगीरपुरी डिमॉलिशन केस में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि फिलहाल जहांगीरपुरी में तोड़फोड़ नहीं होगी. 

जहांगीरपुरी डिमॉलिशन केस: SC ने नोटिस जारी कर अथॉरिटी से जवाब मांगा है. अब इस मामले की दो हफ्ते बाद सुनवाई होगी. कोर्ट का यथास्थिति बरकरार रखने का फैसला जारी रहेगा. बता दें कि जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बी आर गवई की बेंच ने मामले की सुनवाई की. 

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी तोड़फोड़ जारी रखने पर सुप्रीम कोर्ट नाराज है. कोर्ट ने कहा है कि,

हम इस पर गंभीर रुख दिखाएंगे. अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने कहा कि ये राष्ट्रीय महत्व का मुद्दा है.

SC

जहांगीरपुरी याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने कहा कि,

ये मुद्दा सिर्फ जहांगीर पुरी तक सीमित नहीं है. ये देश भर के सामाजिक ताने-बाने के खिलाफ है. लोकतंत्र नहीं रह गया है. कानून का शासन भी नहीं रहा. कैसे BJP अध्यक्ष कमिश्नर को चिट्ठी लिखकर कहते हैं कि तोड़फोड़ कीजिए. यह हर दंगा प्रभावित क्षेत्र में है. 1984 या 2002 में ऐसा कुछ नहीं था. अचानक क्यों? 

अतिक्रमण  के नाम पर दिल्ली में तोड़फोड हुई है. इसका असाधारण महत्व है. समाज के खास तबके को निशाना बनाया जा रहा है. दिल्ली पुलिस ने विहिप के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. 

SG तुषार मेहता ने कहा कि, उन्हें तथ्यों पर बहस करने दें. सुप्रीम कोर्ट ने दवे को कहा कि अपने आप को दिए गए बिंदुओं तक सीमित रखें. दवे ने कहा कि दिल्ली में 1731 अवैध कालोनी हैं, जिनमें 50 लाख लोग रहते हैं. लेकिन एक खास तबके की कॉलोनी को निशाना बनाया.

दवे ने कहा कि ये देश संविधान और कानून के शासन से शासित है. यहां 30 साल से ज्यादा पुरानी दुकाने हैं . जे जे कालोनी, स्लम, गांव आदि के लिए नियम कानून बनाए गए हैं. 

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