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Ukraine-Russia war : जानिए यूक्रेन के उन हथियारों के बारे में जिनकी वजह से पुतिन बहुत परेशान हैं

Ukraine-Russia war live update:यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध को 2 महीने का वक्त होने वाला है और अभी भी यूक्रेन की सेना को पुतिन Russian President Vladimir Putin के सैनिकों ने परास्त नहीं कर पाया है. क्या है इसकी वजह और क्यों एक छोटा सा देश रूस जैसे बड़े देश पर हावी हो गया है?

Ukraine-Russia war live- रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को लग रहा था कि वह यूक्रेन को मच्छर की तरह मसल देंगे लेकिन यूक्रेन ने खूंटा गाड़ दिया और पुतिन अब परेशान है कि आखिर करें तो करें क्या? 2 महीने का वक्त हो गया है लेकिन अभी तक यूक्रेन हार मानने को तैयार नहीं है और रूस के हजारों सैनिक मारे जा चुके हैं. यहां हम आपको यूक्रेन के उन हथियारों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके दम पर रूस जैसे ताकतवर मुल्क को यूक्रेन ने पानी पिला दिया.

Ukraine-Russia war |यूक्रेन के खतरनाक हथियार | Ukrainian army weapon detail

S-300 मिसाइल डिफेंस सिस्टम (missile defence system)

स्लोवाकिया की सरकार ने यूक्रेन को रूस में बने S-300 एयरक्राफ्ट एंड मिसाइल डिफेंस सिस्टम दिया है. यह सिस्टम 100 किलोमीटर की दूरी से लड़ाकू विमानों और मिसाइलों का पता लगा लेता है. इस सिस्टम के मिलने के बाद यूक्रेन के ऊपर रूसी लड़ाकू विमानों का प्रभुत्व कमजोर पड़ चुका है.

FMG-148 जैवलिन

ये अमेरिकी पोर्टेबल एंटी टैंक मिसाइलें हैं. इन्हें आसानी से कंधे पर रखकर कहीं भी ले जाया जा सकता है. पेड़ या इमारत की आड़ में छुपा एक सैनिक भी इसे अकेले ऑपरेट कर सकता है. इस मिसाइल ने यूक्रेन में रूसी टैंकों को काफी नुकसान पहुंचाया है.

हमलावर ड्रोन

यूक्रेन को अमेरिका और तुर्की ने बड़ी मात्रा में हमलावर ड्रोन मुहैया कराए हैं. बीते एक दशक में तुर्की हमलावर ड्रोन टेक्नोलॉजी में बहुत आगे निकल चुका है. अमेरिकी ड्रोन भी अफगानिस्तान में जांचे परखे जा चुके हैं. यूक्रेन को मिले इन ड्रोनों ने रूसी काफिले को काफी नुकसान पहुंचाया है.

MI-17 हेलिकॉप्टर

अमेरिका ने यूक्रेन को रूसी MI-17 हेलिकॉप्टर भी दिए हैं. अमेरिका ने काफी पहले रूस से ये हेलिकॉप्टर खरीदे थे. रूस के यही हेलिकॉप्टर अब रूसी सेना के लिए आफत बन रहे हैं. अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के देश अब तक यूक्रेन को 1.5 अरब डॉलर की सहायता दे चुके हैं.

NLAW-लाइट एंटी टैंक वीपन (anti tank weapon)

टैंकों को निशाना बनाने वाला बेहद हल्का यह मिसाइल सिस्टम स्वीडिश कंपनी साब बनाती हैं. 12.5 किलोग्राम वजन वाला ये सिस्टम 800 मीटर दूर तक सटीक मार करता है. ब्रिटेन ने अब तक ऐसे करीब 3600 लाइट एंटी टैंक वीपन यूक्रेनी सेना को दिए हैं.

हमर और रडार सिस्टम

अमेरिका ने यूक्रेन को 70 हमर गाड़ियां दी हैं. साथ ही यूक्रेन को दी गई करोड़ों डॉलर की सैन्य मदद के तहत अमेरिका ने आधुनिक रडार सिस्टम और गश्ती नाव भी दी हैं.

FIM-92 स्ट्रिंगर

एक इंसान के जरिए ऑपरेट किया जाने वाला FIM-92 स्ट्रिंगर सिस्टम असल में एक पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम है. अमेरिका में बनाया गया यह सिस्टम तेज रफ्तार लड़ाकू विमानों और हेलिकॉप्टरों को निशाना बनाता है. अमेरिका और जर्मनी ने ऐसी 1900 यूनिट्स यूक्रेन को दी हैं.

इंटेलिजेंस सपोर्ट (American intelligence support system)

अमेरिका और यूरोपीय संघ के पास ऐसी कई सैटेलाइट हैं जो बेहद हाई रिजोल्यूशन में धरती का डाटा जुटाती हैं. इन सैटेलाइटों और दूसरे स्रोतों से मिला खुफिया डाटा भी इस युद्ध में यूक्रेनी सेना की काफी मदद कर रहा है.

बुलेटप्रूफ बख्तरबंद गाड़ियां

जर्मनी ने यूक्रेन की सेना को 80 बुलेटप्रूफ बख्तरबंद गाड़ियां दी हैं. इन गाड़ियों से फायरिंग और रॉकेट लॉन्च किए जा सकते हैं. जर्मनी ने यूक्रेन को 50 एंबुलेंस भी दिए हैं.

नाइट विजन इक्विपमेंट्स (night vision equipment)

अमेरिका से मिले नाइट विजन ग्लासेस भी यूक्रेनी सेना की बड़ी मदद कर रहे हैं. पश्चिमी देशों से मिले नाइट विजन चश्मे और ड्रोन, इंफ्रारेड व हीट सेंसरों से लेस है. रूस फिलहाल इस टेक्नोलॉजी में पीछे है.

नीदरलैंड्स के हथियार

यूक्रेन को सबसे पहले सैन्य मदद देने वाले यूरोपीय देशों में नीदरलैंड्स भी शामिल है. डच सरकार ने कीव को 400 एंटी टैंक वैपन, 200 एंटी एयरक्राफ्ट स्ट्रिंगर मिसाइलें और 100 स्नाइपर राइफलें दीं.

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