चंपावत विधानसभा सीट उत्तराखंड की महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है, जहां 2022 में भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी। लेकिन अब यहां एक बार फिर चुनाव हो सकता है.
सत्ता की कमान संभालने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपना पहला राजनीतिक दौरा चंपावत विधानसभा क्षेत्र में कर रहे हैं। उनके इस दौरे को लेकर सियासी हलकों में चर्चा का बाजार गर्म है। सियासी जानकारों का मानना है कि दौरे के बहाने मुख्यमंत्री चंपावत की सियासी नब्ज टटोल रहे हैं। दरअसल मुख्यमंत्री को अगले छह महीने में विधानसभा का चुनाव लड़ना है। उपचुनाव के लिए वह ऐसी सीट की तलाश में हैं, जहां उनकी चुनावी राह निष्कंटक और सहज हो।
बीजेपी की सुरक्षित सीट है चंपावत
चम्पावत विधानसभा सीट उत्तराखंड के चंपावत जिले में आती है। 2022 में चम्पावत में कुल 50.26 प्रतिशत वोट पड़े। 2022 में भारतीय जनता पार्टी से कैलाश गहतोड़ी ने इंडियन नेशनल कांग्रेस के हेमेश खार्कवाल को 5304 वोटों के मार्जिन से हराया था।
चम्पावत विधानसभा सीट अल्मोड़ा के अंतर्गत आती है। इस संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं अजय टम्टा, जो भारतीय जनता पार्टी से हैं। उन्होंने इंडियन नेशनल कांग्रेसके प्रदीप टम्टा को 232986 से हराया था। या तो यहां पर बीजेपी की मजबूत स्थिति है.
इधर, भाजपा के हलकों में भी मुख्यमंत्री चंपावत से उपचुनाव लड़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा रहा है। सूत्र बता रहे हैं कि चंपावत सीट पर यह चुनावी फार्मूला तैयार हो सकता है कि मुख्यमंत्री वहां से चुनाव लड़ें और गहतोड़ी को राज्य सभा भेज दिया जाए।
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