Farrukhabad politics: सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपने फर्रूखाबाद के दौरे पर बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए 10 मार्च को सपा सरकार बनने का एलान किया. अखिलेश ने कार्यकर्ता सम्मेलन में सपाईयों में जोश भरते हुए कहा- 20 मार्च को एकजुट होकर मतदान करें. और पार्टी विरोधियों गतिविधियों को सबक सिखाया जाएगा.
Farrukhabad political news: समाजवादी पार्टी को 2022 में उम्मीद है कि वो फर्रूखाबाद की सभी चार सीटों पर जीत का परचम लहराएगी. फर्रुखाबाद वो जिला है, जहां कई बड़े सियासी नाम निकले हैं. राम मनोहर लोहिया से लेकर सलमान खुर्शीद तक, कई ऐसे नाम हैं जिनका ताल्लुक फर्रुखाबाद से है. हालांकि, चुनावी रानजीति की बात की जाए तो 2017 में बीजेपी ने यहां क्लीन स्वीप किया था. और 2002 के समीकरण देखें तो बीजेपी के लिए यहां मुश्किल हो सकती है.
फर्रुखाबाद का सामाजिक ताना-बाना काफी मजबूत है. जहां बहुसंख्यक के साथ साथ अल्पसंख्यक व दलित समाज के लोग आपस में गंगा जमुनी तहजीब के साथ मिल-जुल कर रहते हैं. जनपद में अल्पसंख्यक समुदाय की संख्या लगभग 15% है. ऐसे में अखिलेश यादव यहां सभी चार सीटें जीतने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं. अपने चुनावी दौरे में उन्होंने कार्यकर्ताओं से जी जान लगाने की अपील की.
समाजवादी पार्टी ने यहां से तीन सीटों पर नये चेहरों को मौका दिया है और भोजपुर में अपने पुराने प्रत्याशी पर फिर से भरोसा जताया है. समाजवादी पार्टी ने इन प्रत्याशियों के जरिए दलित, पिछड़ा और मुस्लिम वोटों पर निशाना साधा है. यहां समाजवादी पार्टी ने फर्रुखाबाद सदर सीट से महान दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव देव मौर्या की पत्नी सुमन मौर्या और अमृतपुर विधानसभा क्षेत्र से डा. जितेंद्र सिंह यादव, कायमगंज सुरक्षित सीट से सर्वेश अंबेडकर और भोजपुर से पार्टी के पूर्व विधायक जमालुद्दीन सिद्दीकी के पुत्र अरशद जमाल सिद्दीकी को अपना प्रत्याशी बनाया है.
10 मार्च के बाद होगा गद्दारों का हिसाब
अखिलेश यादव के दौरे के बाद अमृतपुर से सपा उम्मीदवार जितेंद्र यादव ने कहा- जीत पक्की है, बस 10 मार्च का इंतजार है. नरेंद्र सिंह के निर्दलीय मैदान में उतरने को लेकर उन्होंने कहा कि ‘अध्यक्ष ने मेरे ऊपर भरोसा किया और मुझे उम्मीद है कि जनता भी उनके ऊपर भरोसा करेगी.’ सपा नेता सुबोध यादव जिन्होंने मंच पर अखिलेश यादव को गदा देकर स्वागत किया उन्होंने कहा- ‘विरोधी बिलबिला रहे हैं, बदहवासी है विरोधियों के खेमे में. दस मार्च को सपा जिले की सभी चार सीटें जीतेगी और और जो लोग पार्टी के साथ गद्दारी कर रहे हैं उनका हिसाब होगा.’
सपा को है इन चार चेहरों से उम्मीद
विधानसभा क्षेत्र – अमृतपुर (193)
नवाबगंज क्षेत्र के गांव बबना निवासी डा. जितेंद्र सिंह यादव के फर्रुखाबाद और कन्नौज जिले में आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज समेत कई शैक्षिक संस्थान हैं। समाजसेवा के जरिए नाम चर्चा में आया तो उन्होंने राजनीति की राह पकड़ ली।
विधानसभा क्षेत्र – कायमगंज (सुरक्षित) (192)
सर्वेश अंबेडकर ने राजनीति की शुरुआत बहुजन समाज पार्टी से की थी। 1997 में वह फर्रुखाबाद के बसपा जिलाध्यक्ष भी रहे। फर्रुखाबाद से कटकर कन्नौज जिला बनने के बाद सर्वेश अंबेडकर ने वहां राजनीति की। उनकी पत्नी मुन्नी देवी 2011 में बसपा से कन्नौज की जिला पंचायत अध्यक्ष भी रहीं।
विधानसभा क्षेत्र – फर्रुखाबाद सदर (194)
महान दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव देव मौर्या की 48 वर्षीय पत्नी सुमन फर्रुखाबाद सदर सीट पर पहली बार चुनावी मैदान में सपा के टिकट उतरी हैं। इससे पहले वह 2012 में कासगंज जिले की अमापुर विधानसभा क्षेत्र से महान दल से चुनाव लड़ चुकी हैं।
विधानसभा क्षेत्र- भोजपुर (195)
भोजपुर से चार बार विधायक रह चुके जमालुद्दीन सिद्दीकी के पुत्र अरशद जमाल सिद्दीकी अपनी पिता की विरासत वाली सीट से दोबारा समाजवार्टी से प्रत्याशी घोषित किए गए हैं। इससे पहले 2017 में 38 वर्षीय अरशद जमाल सिद्दीकी पहली बार विधानसभा चुनाव लड़े। इन्हें 58796 मत मिले.
ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. rajniti.online पर विस्तार से पढ़ें देश की ताजा-तरीन खबरें