ओम प्रकाश राजभर को हराने के लिए बीजेपी ने उनके सामने कालीचरण राजभर को चुनाव मैदान में उतारा है. वहीं पूर्व मंत्री शादाब फातिमा भी यहां से चुनावी ताल ठोंक रही हैं। शादाब फातिमा ने साल 2012 में जहूराबाद से चुनाव लड़ा था और उन्होंने ओम प्रकाश राजभर को चुनाव हराया था।
ओम प्रकाश राजभर के खिलाफ बीजेपी ने फील्डिंग लगा दी है. भारतीय जनता पार्टी ने उनके खिलाफ कालीचरण राजभर को चुनाव मैदान में उतारा है। कालीचरण राजभर को जहूराबाद से उम्मीदवार बनाया गया है। वे इस सीट से पहले भी विधायक रह चुके हैं। ओपी राजभर के सामने भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ने वाले कालीचरण राजभर दो महीने पहले ही भाजपा में शामिल हुए। उन्होंने सपा को छोड़कर भाजपा की सदस्यता ली। कालीचरण राजभर 2002 और 2007 में बीएसपी के टिकट पर जहूराबाद विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं। हालांकि बाद में वे समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। कालीचरण राजभर पिछले चुनाव में सपा के टिकट पर जहूराबाद से चुनाव लड़े थे लेकिन वे तत्कालीन भाजपा और सुभासपा गठबंधन के उम्मीदवार ओम प्रकाश राजभर से चुनाव हार गए थे।
जहूराबाद का चुनावी गणित
- जहूराबाद विधानसभा सीट पर करीब 4,46,682 मतदाता हैं।
- जिसमें से करीब 2,15,828 पुरुष मतदाता और 1,88,840 महिला मतदाता हैं।
- इस सीट पर 75,490 दलित मतदाता हैं।
- इस सीट पर करीब 66 हजार राजभर समुदाय के वोटर हैं।
- वहीं करीब 43 हजार यादव मतदाता और 27 हजार के लगभग मुस्लिम मतदाता हैं।
- इस सीट पर ब्राह्मण समुदाय के भी करीब 14 हजार वोटर हैं।
- जहूराबाद सीट गाजीपुर जिले में आती है.
कालीचरण राजभर के इस सीट से चुनाव लड़ने के कारण जहूराबाद में लड़ाई त्रिकोणीय हो गई है। इस सीट पर जहां ओम प्रकाश राजभर और कालीचरण राजभर चुनाव मैदान में हैं तो वहीं पूर्व मंत्री शादाब फातिमा भी यहां से चुनावी ताल ठोंक रही हैं। शादाब फातिमा ने साल 2012 में जहूराबाद से चुनाव लड़ा था और उन्होंने ओम प्रकाश राजभर को चुनाव हराया था। इसके बाद वो अखिलेश कैबिनेट में मंत्री भी रहीं लेकिन 2016 में अखिलेश और शिवपाल के बीच उपजे मतभेद के कारण फातिमा का टिकट काट दिया गया था। हालांकि इस बार के चुनाव में वह बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं।
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