Surya Namaskar Benefits: सूर्य नमस्कार 12 योगासनों से मिलाकर बनाया गया है और हर एक आसन का अपना अलग महत्व है. सूर्य नकस्कार करने से ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होता है और आप तमाम बीमारियों से बचे रहते हैं.
Surya Namaskar Benefits: सूर्य की किरणें आपको सकारात्मक ऊर्जा देती हैं, इससे आपका मन शांत रहता है और आप स्वास्थ्य समस्याओं से भी बचे रहते हैं. सूर्य नमस्कार 12 योगासनों से मिलाकर बनाया गया है और हर एक आसन का अपना अलग महत्व है. सूर्य नकस्कार करने से ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होता है और आप तमाम बीमारियों से बचे रहते हैं. अगर आपके शरीर में टॉक्सिन्स हैं या आप तनाव में रहते हैं, तो सूर्य नमस्कार आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है.
सूर्य नमस्कार में 12 योगासन होते हैं
प्रणामासन (Pranamasana – The Prayer Pose)
इस आसान में आपको सूरज की ओर चेहरा करके सीधे खड़ा होना पड़ता है और दोनों पैरों को मिलाकर कमर सीधी रखनी होती है. इसके बाद आप दोनों हाथों को सीने के पास लाकर हाथ जोड़कर प्रणाम की अवस्था में रहें.
हस्तउत्तनासन (Hasta Uttanasana – Raised Arms Pose)
प्रणामासन की अवस्था में रहकर अपने हाथों को सिर के ऊपर उठाकर सीधे रखें. इसके बाद अपने हाथों को प्रणाम करते हुए पीछे की ओर ले जाएं और कमर को भी पीछे की ओर झुकाएं.
हस्तपादासन (Hand to Foot Pose)
सांस छोड़ें और अपनी नीचे की ओर झुकें, ध्यान रखें कि आपकी पीठ सीधी होनी चाहिए. अगर आप पहली बाद सूर्य नमस्कार कर रहे हैं, तो आप अपनी हथेलियों को सहारा देने के लिए फर्श पर रखकर अपने घुटनों को मोड़ सकते हैं.
अश्व संचालनासन (Equestrian Pose)
इस आसान में आप धीरे-धीरे सांस लें और सीधा पैर पीछे की ओर ले जाएं. आपका सीधे पैर का घुटना जमीन से मिलना चाहिए. अब दूसरे पैर को घुटने से मोड़ें और हथेलियों को जमीन पर सीधा रखें. इसमें आपको अपना सिर ऊपर की ओर रखना होगा.
दंडासन (Dandasana- Staff Pose)
इस आसन में आपको पुश-अप के पोज में रहना है और धीरे-धीरे सांस छोड़नी है.
अष्टनागा नमस्कार
सांस छोड़ें और धीरे से अपने कूल्हों को ऊपर की ओर रखें. इसमें आपको अपने घुटनों, छाती और माथे को फर्श पर ले जाना है. अपने पैर की उंगलियों को मोड़ें और गहरी सांस लेते हुए कुछ देर इसी पोजिशन में रहें.
भुजंगासना
अब हथेलियों को जमीन पर रखें और पेट को जमीन से मिलाते हुए सिर को पीछे आसमान की ओर जितना हो सके झुकाएं. इसके साथ-साथ आपको धीरे-धीरे सांस लेनी हैं.
अधोमुख शवासन (Adho Mukha Svanasana- Downward-facing Dog Pose)
इसके लिए अपने पैरों को जमीन पर सीधा रखें और कूल्हे को ऊपर की ओर उठाएं. आपको सांस छोड़ते हुए कंधों को सीधा रखना होगा और सिर को अंदर की तरफ झुकाना होगा.
अश्व संचालनासन (Ashwa Sanchalanasana- Equestrian Pose)
इस आसन में आपके सीधे पैर का घुटना जमीन से मिलना चाहिए. दूसरे पैर को घुटने से मोड़े और हथेलियों को जमीन पर सीधा रखें. ध्यान रखें कि सिर को आसमान की ओर रखना है और फिर धीरे-धीरे सांस लेनी है.
पादहस्तासन (Padahastasana- Hand Under Foot Pose)
अब धीरे-धीरे सांस छोड़ें और आगे की ओर झुकते हुए हाथों से पैरों की उंगलियों को छुएं. ध्यान रखें कि इस समय आपका सिर घुटनों से मिला होना जरूरी है.
हस्तउत्तनासन (Hasta Uttanasana- Raised Arms Pose)
हाथों को प्रणाम की अवस्था में ही पीछे की ओर ले जाएं और कमर को पीछे की तरफ झुकाएं. इसमें आपको आधे चांद की तरह पोजिशन बनानी है, इसलिए इसे अर्धचंद्रासन भी कहा जाता है.
प्रणामासन (Pranamasana- The Prayer Pose)
जैसा आपके ऊपर पढ़ा, इस आसान में आपको सूरज की ओर चेहरा करके सीधे खड़ा होना पड़ता है और दोनों पैरों को मिलाकर कमर सीधी रखनी होती है. आप दोनों हाथों को सीने के पास लाकर हाथ जोड़कर प्रणाम की अवस्था में सूर्य को नमस्कार करते हैं.
सूर्य नमस्कार के फायदे
1. आपका पाचन तंत्र बेहतर होता है और स्किन डिटॉक्स होती है.
2. सूर्य नमस्कार करने से बेली फैट कम होता है और आपके शरीर में फ्लेक्सिबिलिटी आती है.
3. महिलाओं के लिए सूर्य नमस्कार बेहद फायदेमंद है क्योंकि इससे पीरियड्स रेगुलर हो जाते हैं.
4. पीठ दर्द, चिंता और डिप्रेशन जैसी समस्याओं से बचने के लिए भी आप सूर्य नमस्कार कर सकते हैं.
5. बॉडी रिलैक्स करने के लिए सूर्य नमस्कार रामबाण इलाज है और आप इससे ताजगी महसूस करते हैं.
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