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उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022ः कौन होगा पहाड़ का किंग इस आंकड़े से समझिए

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 की तारीख का ऐलान होने के बाद इस पहाड़ी सूबे में चुनावी बिगुल बज चुका है. इस राज्य में एक ही चरण में वोट डाले जाएंगे यानी 14 फरवरी को यहां वोटिंग होगी.

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 इसलिए महत्वपूर्ण हो गया है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी ने कई नेताओं को सीएम कुर्सी पर बिठाया है और पार्टी अंदर खाने भितरघात की समस्या से जूझ रही है. वहीं दूसरी तरफ मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस अपने आप को दोबारा से सत्ता में काबिज करने के लिए कील कांटों को दुरुस्त करने में लगा हुआ है. लेकिन अहम फैक्टर है आम आदमी पार्टी जिसने एक फौजी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया है और दावा कर रही है कि इस बार उत्तराखंड में बड़ा बदलाव होगा.

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 की अहम बात

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। यहां चुनाव एक ही चरण में कराए जा रहे हैं। 14 फरवरी को मतदान कराया जाएगा। वहीं चुनाव परिणाम अन्य राज्यों के साथ 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे। उत्तराखंड विधानसभा का कार्यकाल 23 मार्च को समाप्त हो रहा है।

उत्तराखंड चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होने की उम्मीद है। 2017 में हुए इलेक्शन की बात की जाए तो उसमें भाजपा ने एक तरफा जीत हासिल करते हुए कांग्रेस से सत्ता छीन ली थी। राज्य की कुल 70 सीटों में भाजपा को 57 तो कांग्रेस को सिर्फ 11 सीटें मिली थीं। उस समय के मुख्यमंत्री हरीश रावत अपनी दोनों सीटों पर हार गए थे।

2017 के नतीजे और 2022 का अनुमान

2017 में 70 सदस्यों वाली उत्तराखंड विधानसभा के लिए 15 फरवरी को 69 सीटों पर वोट डाले गए थे। कर्णप्रयाग में बसपा उम्मीदवार की मौत के बाद वोटिंग टाल दी गई थी। बाद में इस सीट को भी बीजेपी ने जीत लिया। इस जीत के साथ भाजपा के पास 57 सीटें हो गईं। 2017 में दो सीटें निर्दलीयों ने जीती थीं। इससे पहले 2012 के असेंबली चुनाव में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला था। उस समय कांग्रेस ने निर्दलीयों और पीपल्स डेमोक्रैटिक फ्रंट की मदद से सरकार बनाई थी।

2017 में उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने नतीजों से पहले दावा किया था कि उनकी पार्टी ही सरकार बनाएगी लेकिन वह अपनी भी सीटें बचा नहीं सके। रावत किच्छा और हरिद्वार ग्रामीण सीट से चुनाव लड़ रहे थे। ये दोनों ही सीटें BJP ने जीतीं। हरिद्वार ग्रामीण सीट पर उन्हें BJP के यतीश्वरानंद ने 12,000 वोटों से शिकस्त दी तो किच्छा में वह BJP के राजेश शुक्ला से महज 2127 वोटों से हार गए।

रावत के अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय भी सहसपुर सीट से चुनाव हार गए थे। रावत कैबिनेट के कई मंत्री, सुरेंद्र सिंह नेगी, दिनेश अग्रवाल, मंत्री प्रसाद नैथानी, दिनेश धनै, हरीश चंद्र दुर्गापाल, नवप्रभात राजेंद्र सिंह भंडारी भी चुनाव हार गए थे। केवल इंदिरा हृदयेश (हल्द्वानी) और प्रीतम सिंह (चकराता) अपना किला बचाने में कामयाब रहे।

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पिछले असेंबली चुनाव में जीतने के बाद बीजेपी ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया था। चार साल तक त्रिवेंद्र सिंह रावत सीएम रहे। 9 मार्च, 2021 को त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद सांसद तीरथ सिंह रावत सीएम बने। कुछ ही महीने में ही उन्हें भी अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद पुष्कर सिंह धामी को राज्य का सीएम बनाया गया, फिलहाल धामी उत्तराखंड के सीएम हैं।

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