पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के उद्घाटन से पहले उत्तर प्रदेश की सियासत गरमा गई है. सपा मुखिया अखिलेश यादव ने गाजीपुर में परमिशन न मिलने के चलते आक्रामक अंदाज में योगी सरकार को चुनौती दी है.
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के उद्घाटन के लिए जोर शोर से तैयारियां चल रही हैं लेकिन उससे पहले उत्तर प्रदेश में सियासी ताप बढ़ गया है. उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने के लिए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव विजय रथ निकाल रहे है। अखिलेश यादव पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के उद्घाटन पर बोले-यह सपा सरकारी की देन है। प्रधानमंत्री का कार्यक्रम की बात कहकर हमारे रथ को परिमिशन नहीं दिया गया है। हाइवे के रास्ते को बंद कर दिया गया है। अखिर ये कहां का लोकतंत्र है। लोकतंत्र में सबको अपनी बात रखने का अधिकार है। इसी तरह हमारे विजय रथ को निकालने की परिमिशन न देना लोकतंत्र की हत्या है।
दरअसल, सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की ‘समाजवादी विजय रथ यात्रा’ को गाजीपुर प्रशासन ने यह कहते हुए अनुमति देने से इन्कार कर दिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम है इसलिए हम एक और दूसरे कार्यक्रम की अनुमति नहीं दे सकते. DM मंगला प्रसाद सिंह ने इसके लिए कानून व्यवस्था का हवाला दिया है. इस यात्रा में अखिलेश यादव के साथ सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर को भी शामिल होना था। दोनों नेता 16 नवंबर को रथयात्रा निकालकर आजमगढ़ जाने वाले थे।
रथयात्रा को इजाजत देने से इन्कार, आक्रामक हुए सपा मुखिया
16 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुल्तानपुर के पास पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्धाटन कर जनसभा को संबोधित करना है। पीएम का यह कार्यक्रम करीब साढ़े तीन घंटे का है। उसी दिन अखिलेश यादव की समाजवादी विजय रथ यात्रा गाजीपुर से निकल कर जनसंपर्क करते हुए आजमगढ़ तक जानी थी।
इस संबध में DM से अनुमति मांगी गई थी। इस पर DM ने पीएम के कार्यक्रम और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर सार्वजनिक यातायात संचालन की अनुमति ना होने की वजह से रथयात्रा को इजाजत देने से इन्कार कर दिया है। बता दें, जुलाई 2018 में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
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