समाजवादी पार्टी की स्थापना होने के बाद पहली बार अनुसूचित जातियों के लिए एक ख़ास संगठन बनाया गया है। इसका नाम समाजवादी बाबा साहब अम्बेडकर वाहिनी रखा गया है.
पहली बार अनुसूचित जातियों के लिए समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने एक ख़ास संगठन बनाया गया है। इसका नाम समाजवादी बाबा साहब अम्बेडकर वाहिनी रखा गया है और इसकी कमान बसपा में करीब 29 सालों तक रहने वाले मिठाई लाल भारती को सौंपी गई है। करीब दो साल पहले बसपा छोड़कर सपा में शामिल होने वाले मिठाई लाल भारती बसपा के पूर्वांचल जोनल के कोआर्डिनेटर और बिहार एवं छत्तीसगढ़ के प्रभारी भी रहे हैं।
यूपी चुनाव ने दलितों पर दांव
समाजवादी पार्टी की बाबा साहेब वाहिनी विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष मिठाई लाल भारती का कहना है कि हमें भीमराव अंबेडकर और राम मनोहर लोहिया की विचारधाराओं को साथ लेकर चलना होगा। हमें वंचित और उत्पीड़ित वर्गों को दोनों नेताओं की विचारधाराओं और समाज में उनके योगदान से अवगत कराना है। साथ ही वे कहते हैं कि 2022 के चुनावों के मद्देनजर हमारे पदाधिकारी दलितों और अन्य वंचित वर्गों तक पहुंचेंगे और उनसे समाजवादी पार्टी का समर्थन करने और भाजपा को सत्ता से हटाने की अपील करेंगे। भाजपा आरक्षण विरोधी और संविधान विरोधी है।
नए संगठन की जिम्मेदारियों को लेकर मिठाई लाल भारती ने कहा कि उनका पहला काम राष्ट्र से लेकर राज्य, जिला, सेक्टर और पोलिंग बूथ स्तर तक संगठनात्मक इकाइयां स्थापित करना है। साथ ही उन्होंने कहा कि मैंने पहले ही ‘संविधान बचाओ-लोकतंत्र बचाओ’ सम्मेलन आयोजित करना शुरू कर दिया है।
दलितों के लिए काम करेगी पार्टी
नए दलित संगठन बनाए जाने को लेकर समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता जूही सिंह ने कहा कि पहले अनुसूचित जातियों के लिए कोई अलग विंग नहीं थी। पार्टी के भीतर और कुछ छात्र नेताओं की मांग थी कि विशेष रूप से दलितों के बीच काम करने, उनकी चिंताओं के बारे में बोलने और उनके अधिकारों के लिए आवाज उठाने के लिए एक ऐसा विंग बनाया जाए। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसके बारे में बहुत पहले घोषणा की थी लेकिन अब एक अलग वाहिनी का गठन किया गया है।
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