लखीमपुर कांड: लखीमपुर खीरी में किसानों को कथित रूप से अपनी गाड़ी से रौंदने के मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को उत्तरप्रदेश पुलिस की क्राइम ब्रांच के सामने पेश होने के लिए समन जारी किया गया था लेकिन वे पुलिस के सामने पेश नहीं हुए।
लखीमपुर कांड के बाद उत्तर प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ बैकफुट पर आने के मूड में नहीं है. शुक्रवार को पुलिस के सामने पेश नहीं होने के बाद घटना के मुख्य आरोपी और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को फिर से समन भेजा गया है। वहीं उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि केवल आरोपों के आधार पर गिरफ़्तारी नहीं होती है। आरोपी आशीष मिश्रा के पिता व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा ने भी अपने बेटे का बचाव करते हुए कहा कि अगर वह उस दिन घटनास्थल पर होता तो मारा जाता।
आरोपी के बचाव में आए सीएम योगी
एक कार्यक्रम में बोलते हुए उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लखीमपुर खीरी की घटना बेहद ही दुखद है। सरकार इस मामले को गंभीरता से देखेगी। लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। जब कानून सबको सुरक्षा दे रहा है तो किसी को भी कानून हाथ में लेने का हक नहीं है। कोई भी हो कानून सबके लिए समान है। वहीं आशीष मिश्रा की गिरफ़्तारी को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला है कि गिरफ्तारी से पहले आपके पास पर्याप्त सबूत होने चाहिए। हम किसी के आरोप के आधार पर किसी को गिरफ्तार नहीं करेंगे। लेकिन हां अगर कोई दोषी है तो हम उसे नहीं बख्शेंगे, चाहे वह कोई भी हो।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का यही संकल्प है और हमने राज्य भर में यही किया है। चाहे कोई भी हो, अगर उनके खिलाफ सबूत मिलते हैं, तो उन्हें कार्रवाई का सामना करना पड़ता है, चाहे वह भाजपा के विधायक हों या विपक्षी पार्टियों के विधायक। किसी भी पद बैठे होने के बावजूद हम किसी के प्रति नरमी नहीं दिखाते हैं और लखीमपुर खीरी मामले में भी हम ऐसा ही करेंगे।
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