2022 के विधानसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है अब अखिलेश यादव ने सीएम योगी के सदन में सोने वाली तस्वीर पर आक्रामक कटाक्ष किया है.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले सभी दल एक दूसरे पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने की कोशिशों में लगे हुए हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ ने जहां अब्बा जान वाले बयान से बीजेपी के पक्ष में पिज्जा बनाने की कोशिशें शुरू की हैं तो वही अखिलेश यादव भी कम आक्रामक दिखाई नहीं दे रहे.
अब अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ की उस तस्वीर पर कटाक्ष किया है जिसमें वह सदन में सोते हुए दिखाई दे रहे हैं. अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘ये आरोप निराधार है कि ‘माननीय’ सदन में निद्रा में लीन थे। सच तो ये है कि वो इस चिंतन में लीन थे कि उनके समय में प्रदेश की जो दुर्दशा हुई है और उसके कारण जनता में जो असीमित आक्रोश है, उसका सामना कैसे किया जाए और अगले चुनाव में प्रत्याशी कहाँ से लाये जाएं।’
अखिलेश यादव ने कहा कि योगी आदित्यनाथ चिंतन में लीन हैं. और सोच रहे हैं की इलेक्शन लड़ने के लिए प्रत्याशी कहां से लाएं. इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा मंगलवार को विधान परिषद में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव द्वारा कोविड-19 का टीका लगवाए जाने की तरफ इशारा करते हुए कथित रूप से ”अब्बा जान” शब्द का इस्तेमाल किए जाने पर सपा सदस्यों ने जोरदार हंगामा किया. मुख्यमंत्री ने उच्च सदन में कोविड-19 महामारी को लेकर अपने वक्तव्य में पूर्व में कोरोना का टीका लगवाने से इनकार करने वाले समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव पर कटाक्ष करते हुए कहा, “वह कौन लोग थे जो कहते थे कि हम टीका नहीं लगाएंगे. वह कौन चेहरे थे जो कहते थे कि यह तो मोदी टीका है.
यह भाजपा का टीका है इसे हम नहीं लगवाएंगे.” उन्होंने कहा “यह सबसे बड़ा अनर्थ और जघन्य अपराध उन लोगों के प्रति है, जिन्होंने टीकों के अभाव में अपनी जान गंवाई है. यह उसके अपराधी हैं. इन अपराधियों को कटघरे में खड़ा करना चाहिए, जिन्होंने टीकाकरण का विरोध किया था. जब अब्बा जान टीका लगवाते हैं तो कहते हैं कि हां हम भी लगवाएंगे.”
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