उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अपनी चुप्पी तोड़ते हुए एक बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने बताया है कि सीएम की कुर्सी संभालने के बाद कैसे साजिश रची गई.
चार महीने के अंदर इस्तीफा देने वाले उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने खुलकर इस मामले में बात की। उन्होंने कहा कि बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व से परामर्श करने के बाद राज्य में संवैधानिक और कानूनी संकट से बचने के लिए निर्णय लिया और किसी ने उनसे इत्सीफा देने के लिए नहीं कहा था। उन्होंने यह भी कहा कि जब उन्हें राज्य का मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया था, तो ‘कुछ लोगों’ ने उनकी छवि खराब करने की साजिश शुरू कर दी थी.
एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में तीरथ सिंह रावत ने बताया कि कैसे उनके खिलाफ साजिश रची गई और उनकी छवि को प्रभावित करने की कोशिश हुई उन्होंने कहा, कुछ लोगों द्वारा साजिश के तहत एक सुनियोजित रणनीति के तहत किया गया था। मैं एक वैचारिक पृष्ठभूमि से आता हूं और जनता (लोग), क्षेत्र (रीजन) और प्रदेश (स्टेट) के लिए क्या अच्छा है, इस बारे में फैसले किए। मैंने अपनी मन की बात की लेकिन कुछ लोगों ने संपादित और जोड़-तोड़ वाले बयान दिखाकर मनभ्रम (भ्रम) पैदा कर दिया था.
तीरथ सिंह रावत ने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भी स्पष्ट कर दिया है कि भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड में एक बार फिर से पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने जा रही है. उन्होंने कहा, पांच राज्यों-उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव अगले साल फरवरी-मार्च में होंगे। उत्तराखंड समेत सभी राज्यों में बीजेपी दो-तिहाई बहुमत से जीतेगी और इसका एकमात्र कारण नरेंद्र मोदी का ‘विकास’ मॉडल है। 2014 से प्रधानमंत्री मोदी ने आम आदमी को विकास से जोड़ा है और उत्तराखंड विकास की नई ऊंचाईयों पर पहुंच गया है.
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