फर्रुखाबाद जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पूर्व सपा मंत्री ने कब्जाई, नियम गया तेल लेने
फर्रुखाबाद में भाजपा के समर्थन से जिला पंचायत अध्यक्ष बनी मोनिका यादव की कुर्सी सपा के पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह यादव ने कब्जाई तो हंगामा खड़ा हो गया.
भारतीय जनता पार्टी के समर्थन से निर्दलीय प्रत्याशी को मिली जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर सपा के पूर्व मंत्री ने कब्जा कर लिया है। इस नजारे को देखने व सुनने वालों ने भाजपा नेताओं पर तंज कसने शुरू कर दिए हैं। मालूम हो कि बीते दिन ही भाजपा समर्थित जिला पंचायत अध्यक्ष मोनिका यादव ने अध्यक्ष पद की शपथ ली थी।
इसी दौरान मोनिका यादव के पिता नरेंद्र सिंह यादव पूर्व मंत्री व पूर्व सपा विधायक अध्यक्ष पद की कुर्सी पर विराजमान हो गए। इसी दौरान मोनिका यादव के भाई सचिन यादव ने भाजपा सांसद व विधायकों के अलावा बसपा एवं सपा कार्यकर्ताओं के सहयोग के लिए आभार जताया था। मालूम हो कि सपा मुखिया अखिलेश यादव के निर्देश पर जिला अध्यक्ष नदीम अहमद फारुकी ने चुनाव से पूर्व ही अनुशासनहीनता के आरोप में सचिन यादव को पार्टी से निष्कासित कर दिया था।
समाजवादी पार्टी को आभार देने एवं जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर परिजनों के विराजमान होने पर सपा जिलाध्यक्ष नदीम अहमद फारुकी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। श्री फारुकी ने सचिन यादव का नाम लिए बिना कहा है की समाजवादी पार्टी से निष्कासित व्यक्ति सपा को दिया गया आभार अपने पास ही रखें। जिला पंचायत अध्यक्ष पद की कुर्सी पर कोई भी परिजन नहीं बैठ सकता है उस पर केवल अध्यक्ष का ही बैठने का अधिकार है।
भाजपा समर्थित प्रत्याशी का सपा प्रत्याशी ने डटकर मुकाबला किया है पार्टी सपा प्रत्याशी के साथ खड़ी है और सदैव खड़ी रहेगी। जिस तरह प्रदेश के अन्य जनपदों में जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा किया गया है उसी तरह यहां भी भाजपा व प्रशासन के सहयोग से जीत दिलाई गई है। भाजपा द्वारा मोनिका यादव को समर्थन दिए जाने की जबरदस्त आलोचना की जा रही थी अब ऐसे लोगों ने भाजपा नेताओं पर अध्यक्ष पद की कुर्सी पर सपा का कब्जा होने को लेकर तंज कसने शुरू कर दिए हैं।
सपाइयों का कहना है कि अब शीघ्र ही पूर्व विधायक नरेंद्र सिंह यादव पर पार्टी की गाज गिर सकती है।उन्हे भी किसी भी समय बेटे सचिन यादव की तरह पार्टी से निकाला जा सकता है। नरेंद्र सिंह यादव अमृतपुर विधानसभा क्षेत्र से कई बार विधायक चुने गए आगामी चुनाव में नरेंद्र सिंह यादव अथवा सचिन यादव भाजपा विधायक सुशील शाक्य के खिलाफ भी चुनाव लड़ सकते हैं।
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