जिला पंचायत चुनाव में भितरघात और गद्दारी की वजह से अखिलेश यादव को तगड़ा झटका लगा है. अब अखिलेश एक्शन में के मूड में हैं और 7 जुलाई को उन्होंने सभी जिलों से रिपोर्ट तलब की है.
नाम ना छापने की शर्त पर समाजवादी पार्टी के एक नेता ने राजनीति ऑनलाइन को बताया कि 7 जुलाई को सपा प्रमुख अखिलेश यादव कोई बड़ा फैसला करने वाले हैं और उन नेताओं पर सख्त एक्शन लिया जाएगा जिन्होंने जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में पार्टी के साथ गद्दारी की है और भितरघात किया है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अखिलेश यादव उन नेताओं को बख्शने के मूड में नहीं है जिन्होंने सपा की टिकट पर चुनाव लड़ा और जीते लेकिन बाद में बीजेपी उम्मीदवार को अपना समर्थन दे दिया.
क्या गद्दारों पर चलेगा अखिलेश का हंटर?
7 जुलाई को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सभी जिला इकाइयों को रिपोर्ट देने के लिए कहा है. अखिलेश यादव ने स्पष्ट संकेत दे दिए हैं कि जिन लोगों ने पार्टी के साथ दगा किया है उन्हें सजा जरूर मिलेगी. पंचायत चुनावों में बेहतरीन प्रदर्शन करने के बावजूद जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर सपा के उम्मीदवार काबिज नहीं हो पाए. लिहाजा अब अखिलेश यादव समझ गए हैं कि अगर 2022 से पहले पार्टी के कील कांटे दुरुस्त नहीं किए गए तो जीत दूर की कौड़ी है. इसीलिए उन्होंने पार्टी के बड़े नेताओं के साथ बैठक करने के बाद 7 जुलाई को रिपोर्ट तलब की है. खासकर उन जिलों से जहां पर पार्टी के सदस्य ज्यादा होने के बावजूद भी जिला पंचायत अध्यक्ष नहीं बन पाया.
2022 से पहले अखिलेश को लगा जोरदार झटका
यूपी जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव (Zila Panchayat Adhyaksh Result) में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को मिली करारी हार के बाद अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने सख्ती दिखाई है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जिला महासचिवों से उम्मीदवार की हार के कारण बताते हुए सात जुलाई तक रिपोर्ट देने के लिए कहा है.
इस संदर्भ में समाजवादी पार्टी ने एक पत्र जारी किया है. पत्र में जिला अध्यक्ष, महानगर अध्यक्ष और जिला महासचिवों से कहा गया है कि अखिलेश यादव के निर्देश पर जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में क्या कारण रहे कि उम्मीदवार की हार हुई. इस पर सात जुलाई तक रिपोर्ट अनिवार्य रूप से प्रदेश कार्यालय में जमा करवाएं.
इस संदर्भ में समाजवादी पार्टी ने एक पत्र जारी किया है. पत्र में जिला अध्यक्ष, महानगर अध्यक्ष और जिला महासचिवों से कहा गया है कि अखिलेश यादव के निर्देश पर जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में क्या कारण रहे कि उम्मीदवार की हार हुई. इस पर सात जुलाई तक रिपोर्ट अनिवार्य रूप से प्रदेश कार्यालय में जमा करवाएं.
आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर चिंतित है सपा नेतृत्व
सवाल सिर्फ पंचायत चुनाव में मिली हार का नहीं है बल्कि सवाल यह है कि आगामी विधानसभा चुनाव में क्या पार्टी भारतीय जनता पार्टी से टकराने के लिए तैयार है. समाजवादी पार्टी के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में हार तगड़ा झटका इसलिए भी मानी जा रही है, क्योंकि उन्हें अपने ही गढ़ में मात मिली है. सपा को रामपुर, मैनपुरी, कन्नौज, बदायूं, संभल, मुरादाबाद में भी जीत हासिल नहीं हो सकी. तो अब अहम बात यही है कि अखिलेश यादव 7 जुलाई को क्या गद्दार और भितरघात करने वाले सपा नेताओं को पहाड़ करते हैं या नहीं.
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