अखिलेश यादव का जन्मदिन क्रांति लाएगा, उन्होंने कहा, 2022 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक क्रांति होगी. उन्होंने अपने जन्मदिन से पहले ये बात कही. ये कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कोशिश है.
समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा कि 2022 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक क्रांति होगी. अखिलेश ने ट्वीट करते हुए कहा कि आज की विघटनकारी-रूढ़िवादी नकारात्मक राजनीति सत्ता के विरुद्ध एकजुट शोषित, उपेक्षित, उत्पीड़ित, अपमानित दलित, दमित, वंचित, ग़रीब, किसान, मज़दूर, महिला व युवाओं की नयी राजनीति’ जन्म ले रही है. और 2022 में यूपी (UP Assembly Election 2022) में चुनाव नहीं लोकतांत्रिक क्रांति होगी.
अखिलेश यादव का जन्मदिन लाएगा क्रांति?
अखिलेश यादव ने एक अन्य ट्वीट में शिक्षक भर्ती का मुद्दा उठाया. अखिलेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश में उपमुख्यमंत्री के आवास के बाहर 69000 शिक्षक भर्ती’ के अभ्यर्थियों के ख़िलाफ़ पुलिस की कार्रवाई अति निंदनीय है. जीवन के सबक याद कराने वाले शिक्षक भाजपा सरकार द्वारा किया गया ये अपमान व उत्पीड़न कभी नहीं भूलेंगे. क्या यही है विश्व गुरु’ बनने की राह.
350+ सीटें जीतने का टारगेट
उत्तर प्रदेश में वर्ष 2022 के शुरू में विधानसभा चुनाव होने हैं और सपा अध्यक्ष बार-बार अपने बयानों में यह दावा कर रहे हैं कि उनकी पार्टी 403 में से कम से कम 350 सीटें जीतेगी. चुनाव को लेकर हर दल की तरफ से जोरदार तैयारियां की जा रही हैं.
माना जा रहा है कि इस बार का चुनाव आमने-सामने या त्रिकोणीय नहीं होने वाला है. सपा-बसपा, भाजपा और कांग्रेस सभी ने अकेले या छोटे दलों के साथ चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. ऐसे में चारों दलों के अलावा छोटे दलों का मोर्चा विधानसभा चुनाव को कई कोणिय बना सकता है.
इससे पहले सोमवार को आगरा (Agra) के कारोबारी बेटे की हत्या मामले में सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने यूपी सरकार पर निशाना साधा था. उन्होंने आगे कहा कि संवेदनहीन भाजपा के राज में परिवारवालों का दुःख-दर्द समझने वाला कोई नहीं है. उप्र में व्यापार जगत के लोग आर्थिक के साथ ही आपराधिक उत्पीड़न के भी शिकार हैं.
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