जिला पंचायत अध्यक्ष चुनावः टिकट सपा से और वोट भाजपा को…अब क्या करेंगे अखिलेश?
जिला पंचायत अध्यक्ष चुनावः पंचायत चुनाव में बीजेपी को शिकस्त देने के बाद अब सपा अपनों से शिकस्त खा सकती है. क्योंकि कई जिलों में सपा की टिकट पर चुनाव लड़ने वाले नेताओं ने अपना रुख बदल लिया है.
कमरा बंद है और अंदर से आ रही आवाजों से ये अंदाजा लगाया जा सकता है की अंदर काफी गहमा गहमी है. फर्रुखाबाद में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए सपा के दो नेताओं की गुटबाजी ने जिले का माहौल गरम कर दिया है. ऊपर जिस कमरे की बात हो रही है वो पूर्व विधायक नरेंद्र सिंह यादव का कमरा है.
कमरे में चुनाव और सदस्यों को लेकर बातचीत हो रही है. सपा ने अध्यक्ष पद पर सुबोध यादव को उतारने का फैसला किया तो नरेंद्र सिंह ने अपनी बेटी मोनिका यादव को लड़ाने के लिए पार्टी से वफादारी को दांव पर लगाते हुए बीजेपी से हाथ मिला लिया. पंचायत चुनाव में सपा के टिकट पर जीत कर आए सदस्यों के बल पर नरेंद्र सिंह अपनी बेटी मोनिका की जीत का दावा कर रहे हैं.
वहीं सुबोध यादव गुट को भरोसा है की जीत उनकी होगी. लेकिन कैसे ? क्योंकि मोनिका दावा कर रही हैं की उनके पास 20 सदस्यों का समर्थन है. फर्रुखाबाद की राजनीति इस समय अखिलेश यादव के लिए अहम हो गई है. वो ये जानते हैं की अगर यहां बगावत ने पार्टी को नुकसान पहुंचाया तो 2022 में दिक्कत होगी.
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फर्रुखाबाद में सुबोध गुट बनाम नरेंद्र गुट की जंग ने अखिलेश यादव को इस मामले में सीधे दखल देने पर मजबूर कर दिया है. सपा प्रवक्ता सुनील सिंह साजन का कहना है की ‘पार्टी बड़ी है निजी स्वार्थ नहीं, अगर कोई खुद को पार्टी से बड़ा मानता है तो उससे भी निपटा जाएगा’ साजन के मुताबिक फर्रुखाबाद में सपा का प्रत्याशी ही जीतेगा.
सिर्फ फर्रुखाबाद ही नहीं बागपत में भी यही संकट है. ऐसे में पार्टी से ऐसे लोगों निकलने की भी चर्चा चल रही है. माना जा रहा है पार्टी मुखिया लिस्ट बना रहे हैं जल्द ही एक्शन लिया जाएगा.
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