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Chandra Grahan 2021: 26 मई के चंद्र ग्रहण से पृथ्वीवालों को डरना चाहिए?

Chandra Grahan 2021: 26 मई को चंद्र ग्रहण के दौरान दुनिया के कई हिस्सों में सुपर ब्लड मून दिखाई देखा. ये एक अनोखी घटना होती है जब चंद्र ग्रहण लगेगा और हमें ब्लड मून यानी लाल रंग का चांद दिखाई देगा. क्या 26 मई को Chandra Grahan 2021 से पृथ्वीवालों को डरना चाहिए?

Super Blood Moon: अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने लिखा है, “26 मई को पूरा चांद पृथ्वी की छाया में चला जाएगा. और जब वो हमारे ग्रह की छाया में नहीं होगा, वो पहले से बड़ा और चमकदार दिखेगा.”

Image Credit NASA

कब से कब तक रहेगा Chandra Grahan 2021

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक आंशिक चंद्र ग्रहण भारतीय समय के अनुसार दोपहर 3 बजकर 15 मिनट पर शुरू होकर 6 बजकर 22 मिनट तक चलेगा. पूर्ण चंद्र ग्रहण पश्चिमी उत्तर अमेरिका, पश्चिमी दक्षिण अमेरिका और पूर्वी एशिया में देखा जा सकेगा. इसी दौरान 14 से 15 मिनट के लिए Super Moon नज़र आएगा.

चांद को सुपरमून (Super Moon) कब कहते हैं?

चांद को सुपर मून तभी कहा जाता है जब वो धरती से 3,60,000 किलोमीटर या उससे कम की दूरी पर हो. 26 मई को पेरिगी की स्थिति क़रीब 7.23 मिनट पर आएगी, जब चांद धरती से 3,57,309 की दूरी पर होगा. सुपर मून वह खगोलीय घटना है जिस दौरान चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब होता है इसलिए वो बड़ा दिखता है और 14 फ़ीसदी अधिक चमकीला भी. इसे पेरिगी मून भी कहते हैं.

Chandra Grahan 2021 से पृथ्वीवालों को डरना चाहिए?

Super Moon के धरती पर और हमारे ऊपर होने वाले असर की चर्चा करते हैं, लेकिन इस बात को साबित करने के कम ही सबूत हैं कि इसके कारण भूकंप, ज्वालामुखी का फटना, सूनामी, बाढ़ या ख़राब मौसम जैसी घटनाएं होती है. चांद का असर समुद्र की लहरों पर ज़रूर होता है, फूलमून और न्यूमून वो समय होते हैं जब समुद्र की लहरें तेज़ होती है. लेकिन पेरिगी की स्थिति में भी इनपर औसतन पांच सेंटीमीटर से अधिक का फ़र्क नहीं पड़ता.

राशियों पर चंद्र ग्रहण का क्या असर पड़ेगा? (Rashiyon par Chandra grahan ka kya asar padega)

26 May 2021 Chandra Grahan Time In India In Hindi: मेष से मीन राशि तक चंद्र ग्रहण का प्रभाव पड़ता है. ज्योतिष शास्त्र में चंद्र ग्रहण की घटना को प्रमुख माना गया है. 26 मई, बुधवार को वृश्चिक राशि में चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. पंचांग के अनुसार चंद्र ग्रहण 26 मई, बुधवार को वैशाख शुक्ल की पूर्णिमा तिथि को लगने जा रहा है. ये साल 2021 का पहला चंद्र ग्रहण है. साल का पहला चंद्र ग्रहण वृश्चिक राशि और अनुराधा नक्षत्र में लगने जा रहा है.

शनि वक्री 2021 (vakri Shani 2021)

चंद्र ग्रहण से पूर्व यानी 23 मई 2021 को शनिदेव वक्री हो चुके हैं. शनि वर्तमान समय में मकर राशि में गोचर कर रहे हैं. शनि वक्री होने के बाद सूर्य का नक्षत्र परिवर्तन होने जा रहा है. 25 मई, मंगलवार को सूर्य कृतिका नक्षत्र से निकल कर रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने जा रहे हैं. चंद्र ग्रहण से एक दिन पूर्व सूर्य का नक्षत्र परिवर्तन होने जा रहा है. माना जाता है कि सूर्य जब रोहिणी नक्षत्र में आते हैं तो मौसम पर इसका प्रभाव पड़ता है.

इन राशियों को देना होगा ध्यान (ine rashiyon ko Dena hoga Dhyan)

ज्योतिष शास्त्र में चंद्र ग्रहण को प्रमुख घटना माना गया है. ऐसा माना जाता है कि इस खगोलीय घटना का सभी राशियों पर प्रभाव पड़ता है. 26 मई को लगने वाले ग्रहण को उपछाया चंद्र ग्रहण माना जा रहा है. चंद्र ग्रहण से इन राशियों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है.

कब लगता है चंद्रग्रहण? (Kab lagta hai Chandra grahan)

सूर्य की परिक्रमा के दौरान पृथ्वी, चांद और सूर्य के बीच में इस तरह आ जाती है कि चांद धरती की छाया से छिप जाता है. यह तभी संभव है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा अपनी कक्षा में एक दूसरे की बिल्कुल सीध में हों. पूर्णिमा के दिन जब सूर्य और चंद्रमा की बीच पृथ्वी आ जाती है तो उसकी छाया चंद्रमा पर पड़ती है. इससे चंद्रमा का छाया वाला भाग अंधकारमय रहता है. और इस स्थिति में जब हम धरती से चांद को देखते हैं तो वह भाग हमें काला दिखाई पड़ता है. इसी वजह से इसे चंद्र ग्रहण कहा जाता है.

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