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कोरोना महामारी की सच्चाई गंगा में बह रही है योगी जी

कोरोना महामारी से निपटने में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार पूरी तरह से फेल हो गई है. लाख जतन करने के बाद भी सच्चाई गंगा में बह रही है.

उत्तर प्रदेश वैक्सीन की कमी पूरा करने के लिए टेंडर जारी की तैयारी में है और स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने बताया ने कहा कि 21 मई को टेंडर खोला जाएगा. स्वास्थ्य मंत्री ने दावा किया कि राज्य में ऑक्सीजन, दवाएं, हॉस्पिटल बेड उपलब्ध हैं और कहा कि अप्रैल के शुरुआती बीस दिन सबसे ज़्यादा चुनौतीपूर्ण थे. उन्होंने कहा है कि राज्य में बहुत सारे लोगों की मौत ऑक्सीजन की कमी की वजह से हुई. लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दावा स्वास्थ्य मंत्री के दावे से अलग है.

कोरोना महामारी पर सीएम योगी का दावा

अप्रैल के आख़िरी हफ्ते में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया था कि राज्य में न बिस्तर की कमी है, न ऑक्सीजन की कमी है, न रेमडेसिविर या जीवन रक्षक दवा की.” हालांंकि उनकी खासी आलोचना हुई थी क्योंकि सोशल मीडिया पर लगातार ऑक्सीजन, अस्पताल में बिस्तर, दवाओं और वेंटिलेटर की कमी से लेकर लोगों की मौत की बात हो रही थी.

कोरोना महामारी की सच्चाई गंगा में बह रही है

राज्य में कोविड-19 से भाजपा के चार विधायकों की मौत हो चुकी है. भाजपा के कई नेताओं ने भी राज्य में मेडिकल सुविधाओं पर सवाल खड़े किए हैं. उत्तर प्रदेश सहित दूसरे प्रदेशों पर लगातार आरोप लगते रहे हैं कि वो अपने यहां कोरोना से हुई मौत को आधिकारिक आंकड़ों में कम करके दिखा रहे हैं, जबकि सही संख्या बहुत ज़्यादा है. उन्नाव और उसके आसपास कंधा के किनारों पर मिले शव, गंगा की लहरों पर उतराते हैं शव सरकार की कथनी और करनी पर सवाल खड़े कर रहे हैं.

राज्य सरकार कोरोना संक्रमण दर घटने का दावा कर रही है और ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले क़रीब एक हफ़्ते से कोविड जांच का विशेष मेगा अभियान चलाया गया है. लेकिन हकीकत में कोई टीम कहीं नहीं पहुंची है.

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