किसानों ने होली खेलने का ढंग बदल दिया है. BKU ने कहा है कि होलिका दहन के मौक़े पर किसान गाज़ीपुर बॉर्डर पर तीनों कृषि क़ानूनों की प्रतियां जलाएंगे.
गाज़ीपुर बॉर्डर पर बीकेयू ही विवादित कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहा है. और इस बार होली पर किसान आंदोलन का रंग अलग ही रहेगा. होली के त्योहार को देखते हुए किसान सरकार को घेरने के लिए तैयार हैं.
राकेश टिकैत ने होलिका दहन पर किसानों से अपने गांवों में क़ानूनों की प्रतियां जलाने की अपील की.
उन्होंने कहा, “इससे सरकार को समझ आएगा कि किसानों को ये क़ानून स्वीकार नहीं हैं.”
टिकैत ने कहा कि ये संयुक्त किसान मोर्चा के कार्यक्रम का हिस्सा है.
होली पर मिट्टी का टीका लगाएंगे किसान
उन्होंने कहा, “सोमवार को रंगों की जगह किसान, प्रदर्शनों के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि देते हुए अपने माथे पर मिट्टी का टीका लगाएंगे.”
राकेश टिकैत ने कहा कि अगर क़ानून रद्द नहीं किए जाते और एमएसपी की गारंटी देने वाला एक नया क़ानून नहीं बनाया जाता तो किसान दिवाली तक प्रदर्शन स्थल पर बैठे रहने के लिए तैयार हैं.
#किसान_कृषि_बिल_दहन_करेगे हैशटैग भी रविवार को ट्विटर के टॉप ट्रेंड में बना हुआ है.
होली पर विशेष आयोजन
इस बीच शनिवार को किसान मज़दूर जागृति यात्रा गाज़ीपुर बॉर्डर पहुंची.
यह यात्रा छह मार्च से रामराज से शुरू हुई थी. इस यात्रा में शामिल हुए किसान 16 ज़िलों के अलग-अलग गांवों से मिट्टी इकट्ठा करके लाए हैं.
बीकेयू के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने कहा, “इस मिट्टी को गाज़ीपुर बॉर्डर पर रखा जाएगा.”
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