‘सुहागरात पर खून के धब्बे देखने के लिए सफेद चादर यहां से खरीदें’

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“सुहागरात को खून आना सिर्फ खून की बात नहीं है. चादर और खून तो सिर्फ प्रतीकात्मक हैं. यह महिला के कौमार्य से संबंधित है और पितृसत्तात्मक समाज की एक काल्पनिक अवधारणा है.

मोरक्को की महिला अधिकार कार्यकर्ता और माली की संस्थापक इटिसाम बेट्टी लचगर ये कहते कहते खामोश हो जाती हैं. लचगर लंबे समय से मोरक्को में महिला अपराधों के लिए काम कर रही हैं. मोरक्को और कई अन्य देशों में महिलाओं की शुद्धता को बेशकीमती माना जाता है और इसके लिए उन पर नजर भी रखी जाती है. महिलाओं को अपनी कौमार्यता साबित करनी पड़ती है या फिर उन्हें तिरस्कार और हिंसा का सामना करना पड़ता है. उदाहरण के लिए, सऊदी अरब में एक व्यक्ति ने सुहागरात से पहले पत्नी को अपने परिवार के साथ कौमार्य परीक्षण के लिए अस्पताल जाने को मजबूर किया. इसके लिए हिंसा का भी सहारा लिया. यह घटना मीडिया की सुर्खियों में रही.

सुहागरात पर ऐसे होता है वर्जिनिटी टेस्ट?

मोरक्को के अल्टरनेटिव मूवमेंट फॉर द डिफेंस ऑफ इंडिविजुअल फ्रीडम (माली) एक वीडियो बनाया है. हमारा समाज आज भी कितना पिछड़ा हुआ और दकियानूसी सोच रखता है, इसकी बानगी एक नए प्रोडक्ट के व्यंग्यात्मक प्रमोशनल वीडियो में दिखती है. म्यूजिक के साथ वीडियो शुरू होता है, खिड़की से दिन की रोशनी अंदर झांकती हुई दिखती है और इसी बीच एक बिस्तर के ऊपर सफेद चादर हवा में लहराती नजर आती है. अब एक व्यक्ति रंगीन बॉक्स खोलता है, जिसे फूलों से सजाया गया है. इस बॉक्स के अंदर एक सफेद चादर है.

इसी दौरान स्क्रीन पर लिखा आता है ‘ट्रैडिशनल वर्जिनिटी टेस्ट’. आगे अब इस चादर की खासियतों का जिक्र आता है, जिसमें 250 थ्रेड काउंट कॉटन, फ्लोरल एंब्रॉयडरी आदि इसकी विशेषताएं बताई गई हैं. इसके बाद जो जानकारी स्क्रीन पर आती है वह हमारी पिछड़ी सोच को दर्शाती है. ‘ब्लडस्टेन मैनटेनेंस गारेंटीड’, इसका मतलब यह है कि शादी की पहली रात जब महिला पहली बार शारीरिक संबंध बनाती है तो खून निकलता है. खून के वे धब्बे इस चादर पर स्पष्ट रूप से दिखेंगे.

सुहागरात पर कौमार्य परीक्षण

मोरक्को और कई अन्य देशों में महिलाओं की शुद्धता को बेशकीमती माना जाता है और इसके लिए उन पर नजर भी रखी जाती है. महिलाओं को अपनी कौमार्यता साबित करनी पड़ती है या फिर उन्हें तिरस्कार और हिंसा का सामना करना पड़ता है. उदाहरण के लिए, सऊदी अरब में एक व्यक्ति ने सुहागरात से पहले पत्नी को अपने परिवार के साथ कौमार्य परीक्षण के लिए अस्पताल जाने को मजबूर किया. इसके लिए हिंसा का भी सहारा लिया. यह घटना मीडिया की सुर्खियों में रही.

इस बात को लेकर सटीक आंकड़े नहीं हैं कि दुनियाभर में कितने कौमार्य परीक्षण किए जाते हैं या उनके लिए अनुरोध किया जाता है. सुहागरात में चादर पर खून के धब्बों से कौमार्य निर्धारण सिर्फ एक तरीका है, जिसके खिलाफ निजी आजादी के लिए लड़ रहा संगठन माली उठ खड़ा हुआ है. महिला की पवित्रता की जांच के कई और तरीके भी हमारे दकियानूसी समाज ने बना रखे हैं. 

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