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हरियाणा में BJP सरकार को ले डूबेगा किसान आंदोलन?

किसान आंदोलन के नेताओं ने हरियाणा की जनता से अपील की है कि वे अपने विधायकों पर दवाब बनाएँ ताकि वे राज्य की बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार के ख़िलाफ़ 10 मार्च को सदन में लाए जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में वोट करें.

हरियाणा में किसान आंदोलन का व्यापक असर देखा जा रहा है. किसानों के आक्रोश में हालात यहां तक खराब कर दिए हैं की मनोहर लाल खट्टर की कुर्सी खतरे में है. हरियाणा की जनता से की गई एक सार्वजनिक अपील में संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि राज्य सरकार केंद्र के साथ मिल कर तीन कृषि क़ानूनों पर किसानों के ख़िलाफ़ गोलबंदी कर रही है ताकि इस आंदोलन को कमज़ोर किया जा सके. राज्य में विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने शुक्रवार को विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन ही मनोहर लाल खट्टर सरकार के खिलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग की थी. विधानसभा स्पीकर ने 10 मार्च को इस प्रस्ताव पर चर्चा को मंज़ूरी दे दी है.

हरियाणा में क्या गिर जाएगी बीजेपी सरकार?

90 सीटों वाली हरियाणा विधानसभा में 40 सीटें बीजेपी और 10 सीटें जेजेपी के पास हैं. सात सीटें निर्दलीय विधायकों के खाते में हैं. ऐसे में अगर मनोहर लाल खट्टर की पकड़ विधायकों पर कमजोर हुई तो हरियाणा में बीजेपी सरकार का गिरना तय लग रहा है. ऑल इंडिया किसान-सभा हरियाणा के उपाध्यक्ष इंद्रजीत सिंह ने कहा, ‘जननायक जनता पार्टी और निर्दलीय विधायकों को विशेष रूप से संपर्क किया जाएगा और सरकार के ख़िलाफ़ प्रस्ताव के समर्थन में वोट करने के लिए कहा जाएगा. लोगों की रोज़ी-रोटी दाँव पर है. अगर इस महत्वपूर्ण समय में वे हमारे साथ खड़े नहीं होंगे तो लोग उन्हें कभी माफ़ नहीं करेंगे.’

शिरोमणि अकाली दल ने आम लोगों के बीच एक चिट्ठी बाँटी है ये एक मॉडल लेटर है जिसे लोगों से अपने प्रतिनिधियों को भेजने के लिए कहा गया हैं. इसमे कहा गया है-‘बीजेपी-जेजेपी गठबंधन ने अब तक अपने किसान-विरोधी और जन-विरोधी रवैये का कई तरीकों से प्रदर्शन किया है. हरियाणा सरकार तीन क़ानूनों और एमएसपी गारंटी को लेकर चल रहे आंदोलन के प्रति असंवेदनशीलता का रवैया अपना रही है, इसे लेकर जनता का ग़ुस्सा बढ़ता जा रहा है.’

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हरियाणा में बीजेपी सरकार के खिलाफ गोलबंदी तेज

हरियाणा में बीजेपी सरकार के खिलाफ विपक्ष ने गोलबंदी तेज कर दी है. किसान आंदोलन से उपजे आक्रोश को भुनाने के लिए कांग्रेस और दूसरे दल मनोहर लाल खट्टर की चौतरफा घेराबंदी कर रहे हैं. कई विधायकों पर जनता के आक्रोश के चलते हैं बीजेपी सरकार से समर्थन वापस लेने का भारी दबाव की है. इसीलिए राज्य की बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार के ख़िलाफ़ 10 मार्च को सदन में लाए जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में वोट करने के लिए विधायकों को लामबंद करने की कवायद तेज हो गई है.

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